नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के बीच छिड़ी जंग के बीच डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल करते हुए अफसरों की शिकायत की है। अपने हलफनामे में सिसोदिया ने कहा है कि अफसर हमारा फोन नहीं उठाते और बैठकों में भी नहीं आते हैं। दरअसल, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा बुधवार (9 नवंबर) को शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कई मुद्दों को लिस्ट किया गया है।
सिसोदिया ने अपने हलफनामे में कहा है कि, 'अफसरों ने बैठक में आना बंद कर दिया है, हमारा फोन भी नहीं उठाते, मंत्रियों के आदेशों की अवहेलना करते हैं साथ ही निर्वाचित सरकार के साथ उदासीनता का व्यवहार करते हैं।' डिप्टी सीएम के हलफनामे में कहा गया है कि इस वर्ष की शुरुआत में LG वीके सक्सेना की नियुक्ति के साथ समस्या और भी विकट हो गई है। हलफनामे में कहा गया है कि, 'सिविल सर्वेंट्स और एक निर्वचित सरकार के बीच किसी भी प्रकार के सहयोग पर दंडित करने की मांग की जाती है और सरकार के प्रति असंतोष को प्रोत्साहित किया जा रहा है।'
उल्लेखनीय है कि सक्सेना ने मई 2022 में LG के तौर पर कार्यभार संभाला था, जिसके बाद से उनके दफ्तर और निर्वाचित सरकार के बीच कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। यह हलफनामा दिल्ली में सेवाओं पर किसका नियंत्रण है, इस पर केंद्र के साथ दिल्ली सरकार के विवाद के संबंध में दाखिल किया गया है। 12 जुलाई को शीर्ष अदालत ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र और दिल्ली सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियों के दायरे पर कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ स्थापित करने पर सहमति प्रकट की थी।
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