नई दिल्ली: विदेश मंत्री (ईएएम) सुषमा स्वराज ने कहा है कि पाकिस्तानी सरकार अब तक द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत भारतीय तीर्थयात्रियों द्वारा करतारपुर साहिब के दौरे को शामिल करने के लिए सहमति नहीं हुई है और न ही गलियारे की स्थापना के लिए कोई आधिकारिक संचार भेजा है. सुषमा ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि, "पाकिस्तान में स्थित पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को एक गलियारे के माध्यम से खोले जाने तथा भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्राओं की सुविधा के संबंध में मुझे 13 सितंबर 2018 का आपका पत्र प्राप्त हुआ.
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उन्होंने कहा सरकार इस मामले में पाकिस्तान से बात कर रही है. हालांकि, पाकिस्तान अब तक 1974 के धार्मिक मंदिरों के दौरे पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दौरे पर शामिल करने के लिए सहमत नहीं हुआ है और न ही इसे गलियारे की स्थापना के लिए कोई आधिकारिक संचार भेजा है." 15 सितम्बर के पत्र में सुषमा ने लिखा है कि पिछले कई सालों में पाकिस्तानी अधिकारीयों द्वारा बहुत सिमित संख्या में यात्रा की अनुमति दी गई है.
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विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारत सरकार इस मसले पर पाकिस्तान से लगातार बात कर रही है. उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कुछ दिन पहले कहा था कि सिक्खों के गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान करतारपुर साहिब के लिए गलियारा खोल देगा. लेकिन सुषमा ने इन दावों का खंडन किया है. इससे पहले सोमवार को, विदेश मामलों के राज्य मंत्री, जनरल वीके सिंह ने भी कहा था कि भारत को दोनों देशों के बीच करतरपुर मार्ग खोलने के लिए पाकिस्तान से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है.
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