पटना: बिहार में भूमि सर्वे का काम चल रहा है, लेकिन इसके दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ रही हैं। म्यूटेशन, परिमार्जन और राजस्व से जुड़े अन्य कार्यों में देरी की जा रही है। आरोप हैं कि अधिकारी जानबूझकर फाइलों को पेंडिंग रख रहे हैं और घूसखोरी का खेल चल रहा है।
राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि या तो वे खुद सुधर जाएं, नहीं तो सरकार उन्हें सुधार देगी। उन्होंने माना कि लोकसभा चुनावों की वजह से कुछ काम रुके थे, लेकिन अब सभी जिलाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करें। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि दो-तीन महीनों में लंबित कार्य पूरे हो जाएंगे।
उन्होंने सदन में बताया कि अब तक 180 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनमें 149 अंचल अधिकारियों के वेतन रोक दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। विपक्षी विधायक अख्तरुल ईमान ने भूमि विवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि म्यूटेशन के लिए गरीबों से 15 से 20 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं और जमीन के रिकॉर्ड रजिस्टर-2 से गायब हो रहे हैं। मंत्री ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विभाग में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। उन्होंने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं।
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