नई दिल्लीः हाल के दिनों में यूएस विश्व में शीर्ष तेल निर्यातक देश के रूप में उभरा है। अमेरिका में शैल गैस के खोज के बाद यूएस ने यह दर्जा हासिल की है। भारत में अमेरिका से आयात होने वाले तेल की मात्रा में इजाफा हुआ है। यह इजाफा करीब 72 प्रतिशत का था। वाणिज्यक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से अगस्त 2019 के बीच भारत ने अमेरिका से 45 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में अमेरिका से 26 लाख टन कच्चे तेल का ही आयात किया गया था।
पश्चिम एशिया के पुराने तेल आपूर्तिकर्ता देशों के अलावा अब अन्य देशों से भी इसका आयात बढ़ाया जा रहा है। भारत इराक से भी कच्चे तेल का आयात कर रहा है। देश की कुल तेल जरूरत की एक चौथाई की आपूर्ति इराक से हो रही है। अप्रैल से अगस्त की अवधि में इराक ने भारत को दो करोड़ 12 लाख टन कच्चे तेल की बिक्री की। एक साल पहले इसी अवधि में की गई आपूर्ति से यह मात्रा करीब 12 फीसद अधिक रही। भारत में अप्रैल से अगस्त 2019 के दौरान पांच माह की अवधि में कुल नौ करोड़ 12 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया जो कि एक साल पहले के 9 करोड़ 39 लाख टन के मुकाबले कम है।
मालूम हो कि भारत सऊदी अरब से बहुत पहले से ही तेल आयात करता रहा है और सऊदी भारत के लिए बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है, मगर 2017- 18 में इराक आगे निकल गया। उसके बाद से भारत को आपूर्ति के मामले में सऊदी अरब दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इस दौरान सऊदी अरब ने एक करोड़ 77 लाख टन तेल का निर्यात किया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसने एक करोड 56 लाख टन तेल भारत को भेजा था। बता दें कि इन दिनों देश में तेल की कीमतों में लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है। जिससे देश में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।
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