यूके की बड़ी पाइपलाइन बंद होने से बढे ईंधन के दाम
यूके की बड़ी पाइपलाइन बंद होने से बढे ईंधन के दाम
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लंदन : पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा उत्पादन में कटौती करने के नतीजे सामने आने लगे हैं. जून 2015 के बाद मंगलवार को पहली बार कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गईं. इस बीच यूके की सबसे बड़ी नॉर्थ सी ऑइल पाइपलाइन भी अचानक बंद होने से इसका सीधा असर तेल की कीमतों पर पड़ा है. इस समय तेल की कीमतें 30 महीने के सबसे उच्च स्तर पर है.गैस की कीमतें भी 5.8% बढ़ गई हैं.

उल्लेखनीय है कि नॉर्थ सी पाइपलाइन करीब 3 हफ्ते तक बंद रहने की सम्भावना है. पाइपलाइन में क्रैक का पता लगने के बाद बंद करने का फैसला लेना पड़ा. यह पाइपलाइन व्यवस्था विश्व में तेल की कीमतों को सेट करता है. पहले तय हुआ था कि दिसंबर में हर रोज 4,06,000 बैरल्स तेल पंप किया जाएगा, लेकिन यह सोमवार को यह अचानक बंद हो गया. कई सालों बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. इस कारण ब्रेंट क्रूड (ग्लोबल बेंचमार्क) बढ़कर 65.59 डॉलर पर पहुंच गया, वहीँ US क्रूड भी बढ़कर 58.48 डॉलर पर पहुंच गया.

इस बारे में एक विश्लेषक हुसैन सईद ने बताया कि इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि आपूर्ति में बाधाओं को ज्यादा समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. फोर्टीज पाइपलाइन वैश्विक तेल बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जो क्रूड इससे जाता है उससे कीमतें तय होती हैं. जानकारों का कहना है कि अब फोर्टीज क्रूड को भेजने में बहुत विलम्ब हो सकता है. इसका असर ईंधन के दामों पर पड़ सकता है.

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