वाराणसी। इन दिनों देशभर में नोटबंदी और कैशलेस इकोनाॅमी पर बात हो रही है। देशभर में प्रयास किए जा रहे हैं कि देश में लोग कैशलेस ट्रांजिक्शन को अपनाऐं। सरकारों द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं ऐसे में सरकार विभिन्न स्थानों पर स्वाईप मशीनें लगाने का भी प्रयास कर रही है। अब तक केवल महानगरों में ही कैशलेस ट्रांजिक्शन पर जोर दिया जाता था मगर अब सरकार छोटे शहरों और गांवों को भी कैशलेस बनाने में लगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का मिश्रपुर गांव ऐसा ही एक गांव है जो कि पूरी तरह से कैशलेस बन गया है। दरअसल रोहनिया क्षेत्र के इस गांव को सरकार कैशलेस बनाने में लगी है। इसके लिए बैंक आॅफ बड़ौदा द्वारा सुविधा दी जा रही है। आलम यह है कि गांव में सब्जी बेचने के काम में स्वाईप मशीन का उपयोग होने लगा है तो दूसरी ओर लोग ई वाॅलेट के माध्यम से कार्य कर रहे हैं।
ई वाॅलेट से लोग पैमेंट करने में लगे हैं। स्थिति यह है कि इस गांव में बुजुर्ग तक कार्ड के माध्यम से अपने ट्रांजिक्शन करने में लगे हैं। यहां पर अधिकांश प्रतिष्ठानों पर कैशलेस ट्रांजिक्शन देखने को मिल रहा है तो दूसरी ओर लोग ई पेमेंट के माध्यम से अपना कार्य कर रहे हैं। बैंक आॅफ बड़ौदा ने यहां बदलाव लाने में सराहनीय पहल की है। यहां की 34 दुकानों में पीओएस मशीनें लगाई गई हैं। प्वाईंट आॅफ सेल मशीन के माध्यम से लोग कैशलेस व्यवस्था से जुड़े हैं।
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