नई दिल्ली : एशियाई खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने खेल गांव में ओलंपिक संस्था की 'नीडल मुक्त नीति' का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही इस काम की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासंघों को दी गयी है.
अच्छी औसत के बाद भी पुजारा हुए टीम से बाहर
भारतीय ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के अधिकारियों को कहा है कि वे निश्चित करें कि विशेष बीमारी के लिये दी गयी दवाईयों में प्रतिबंधित पदार्थ शामिल नहीं हो. उन्हें निश्चित किये डाक्टरों से लिखी दवाईयां अपनाने को कहा गया है. आईओए महासचिव राजीव मेहता ने पत्र में लिखा, 'दवाईयों को सीलबंद पारदर्शी कवर में ले जाना चाहिए.
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बता दें कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भारतीय एथलीट -पैदल चालधारी केटी इरफान और त्रिकूद एथलीट वी राकेश बाबू- को इसी नियम के उल्लंघन के कारण स्वदेश भेजना पड़ा था जिससे देश की पूरे विश्व में किरकरी हुई थी. इन लोगों के कमरों से नीडल मिली थी. अपने कमरों में नीडल की मौजूदगी का ब्यौरा देने में यह खिलाड़ी असफल रहे थे. बता दें कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सिर्फ दो खिलाड़ियों को भारत नहीं लौटाया गया था, बल्कि एक मुक्केबाज के कमरे के बाहर एक नीडल भी पायी गयी थी जिस पर सीजीएफ ने भारत को फटकार लगाई थी.
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