जानी मानी जापानी कंपनी ओलंपस ने अपना कैमरा कारोबार बेच दिया है. कंपनी साल 1936 से कैमरे बना रही थी. 84 साल पुराना कैमरा बिजनेस बंद करके अब कंपनी मेडिकल इमेजिंग उपकरण ही बनाएगी. जापान इंडस्ट्रियल पार्टनर्स (जेआईपी) ने ओलंपस से यह कारोबार खरीदा है.
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विदित हो कि जेआईपी ने पहले सोनी से वीवी कंप्यूटर का बिजनेस भी खरीदा था. ओलंपस के पास जुइको और ओएम-डी जैसे लोकप्रिय कैमरा ब्रांड थे. मामले में ओलंपस ने कहा कि इसने डिजिटल कैमरा मार्केट में बने रहने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन कंपनी को सफलता नहीं मिल सकी. कैमरा बिजनेस पहले भी ओलंपस के पूर्ण कारोबार का छोटा हिस्सा ही था. साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि स्मार्टफोन की टेक्नोलॉजी में लगातार आ रहे सुधार से कैमरे का बाजार लगातार कम होता जा रहा है. ओलंपस को पिछले तीन साल से कैमरे के बिजनेस में घाटा हो रहा था, जिसे कंपनी पिछले तीन साल से कैमरे के बिजनेस पाट रही थी. अब कंपनी ने इसे बंद कर दिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ओलंपस ने दुनिया का सबसे पहला माइक्रो कैसेट टेप रिकॉर्डर जुइको पर्लकोडर लॉन्च किया था. अब कंपनी अपना पूरा ध्यान इंडोस्कोप जैसे मेडिकल उपकरण के उत्पादन बनाने में लगाएगी. वही, साल 1975 में ईस्टमैन कोडक के स्टीवन सैसन नाम के एक इंजीनियर ने दुनिया का सबसे पहला डिजिटल कैमरा बनाने का प्रयास किया था. स्टीवन सैसन के इस कैमरे को पहले डिजिटल स्टैन स्नैपर के रूप में पहचाना जाता था. कैमरे का वजन करीब चार किलोग्राम था. इस कैमरे मे ब्लैक एंड व्हाइट फोटो खींची जाती थी. कैमरा का रिजोल्युशन 0.01 मेगा पिक्सेल था.
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