श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द ही बहाल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की योजना बना रही है, हालाँकि इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में, गृहमंत्री ने नई सरकार को राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया। बैठक के बाद, उमर अब्दुल्ला ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की स्थिति और राज्य के दर्जे के मुद्दे पर चर्चा की।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से वहां की पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। उमर अब्दुल्ला की सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहली ही बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यह बहाली जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों की पुनर्स्थापना और उनकी पहचान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
सरकार ने चार नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है, जिसमें उपराज्यपाल को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। हालाँकि, इस प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 का कोई उल्लेख नहीं है, जिस पर कुछ राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख से अलग और 'पूरी तरह आत्मसमर्पण' बताया।
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