श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ़्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा नहीं मिलता, वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उमर अब्दुल्ला ने एक अंग्रेज़ी अख़बार में आज यानि सोमवार को एक आर्टिकल लिखा है, जिसमें उन्होंने कई अहम बातों का उल्लेख किया है.
उमर ने लिखा कि, "जहाँ तक मेरा सवाल है, मैं इस बात को लेकर स्पष्ट हूँ कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूँगा. इस पृथ्वी की सबसे ताकतवर विधानसभा का छह वर्षों तक सदस्य रहने और उसके नेता रहने के बाद मैं उस सदन का सदस्य नहीं रह सकता, जिसके अधिकारों को इस प्रकार से छीन लिया गया हो." उल्लेखनीय है कि गत वर्ष पाँच अगस्त को मोदी सरकार ने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली भारतीय संविधान की धारा 370 और 35A को ख़त्म कर दिया था, बल्कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा छीनकर कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.
केंद्र सरकार के इस फ़ैसले के कुछ ही घंटे पहले उमर अब्दुल्लाह, उनके पिता तथा पूर्व सीएम फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, राज्य की एक और PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती समेत सैंकड़ों नेताओं को नज़रबंद या अरेस्ट कर लिया गया था. पहले तो इन नेताओं को बिना किसी आरोप के अरेस्ट किया गया था, किन्तु फ़रवरी 2020 में उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती समेत कुछ और नेताओं पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (PSA) लगा दिया गया था. हालाँकि, 7 माह नज़रबंद रहने के बाद उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था.
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