उत्तरी अमेरिका के देश मैक्सिको में फाइजर की कोविड-19 लेने वाली एक महिला डॉक्टर को दौरे पड़ने, सांस लेने में परेशानी होने तथा इंसेफैलोमाईलिटिस की समस्या के उपरांत हॉस्पिटल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती किया जा चुका है। मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर यह सूचना दी जा चुकी है।
जंहा इस बारें में मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा- " एक 32 वर्षीय महिला डॉक्टर को दवा निर्माता कंपनी फाइजर की कोरोना की वैक्सीन लगाने के आधे घंटे के भीतर ही त्वचा पर चकते, दौरे पड़ने, मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना और सांस लेने में परेशानी होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।" वहीं इस बात का पता चला है कि वैक्सीन लगाने के उपरांत महिला डॉक्टर को हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की कार्रवाई की जा रही है। प्राथमिक टेस्ट में इंसेफैलोमाईलिटिस का पता चला है। डॉक्टर की हालत स्थिर है और उसका उपरांत किया जा रहा है।
डॉक्टर को कुछ दवाईयों से अलर्जी संबंधी परेशानी पहले भी रही है। गौरतलब है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित मैक्सिको में इस महामारी की वजह से अब तक 1.26 लाख से अधिक लोगों की जाने जा चुकी है। 1 जनवरी को WHO ने कोविड-19 के टीके के आपात उपयोग की मंजूरी दी थी। WHO ने कहा था कि इस फैसले से ''देशों को मौका मिलेगा कि वे टीके आयात करने तथा इन्हें लगाने संबंधी अपने नियामकों की मंजूरी प्रक्रिया को गति प्रदान कर सकें।'' WHO ने आगे कहा था कि फाइजर-बायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका ''संगठन द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों एवं अन्य मापदंडों पर खरा उतरा है।'' गौरतलब है कि इस टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश स्वीकृति दे चुके हैं। इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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