इंडियन मुद्रा 'रुपया (INR)' के लिए ये सबसे खराब दौर चला हुआ आ रहा था। रुपये की वैल्यू (Indian Rupee Value) पिछले कुछ वक़्त के बीच बड़ी तेजी से कम हो चुकी है। रुपया लगातार एक के उपरांत एक नए निचले स्तर (Rupee All Time Low) पर पहुंचाया जा रहा है। मंगलवार को शेयर बाजारों (Share Market) में गिरावट के मध्य रुपये ने गिरने का नया रिकॉर्ड बना दिया। रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया कोशिशों के उपरांत भी रुपया संभल नहीं पा रहा है और मंगलवार को शुरुआती कारोबार में यह डॉलर (USD) के मुकाबले पहली बार 80 से भी नीचे आ चुका है।
इस साल अब तक इतनी गिरावट: इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज (Interbank Forex Exchange) के कारोबार में रुपया शुरुआत में ही गिरकर डॉलर (USD) के मुकाबले 80 से नीचे जाकर खुला। रुपये के लिए 80 के लेवल को अहम साइकोलॉजिकल सपोर्ट कहा जा रहा है। कई दिनों से ऐसा लग रहा था कि रुपया इस लेवल को तोड़कर गिरावट का नया रिकॉर्ड भी बनाने वाला है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष अब तक रुपया तकरीबन 7 प्रतिशत कमजोर हो गया है। आज शुरुआती कारोबार में यह डॉलर के मुकाबले 80।0175 पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79।9775 पर बंद हुआ था।
8 साल में 25 फीसदी गिरा रुपया: रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले निरंतर सबसे कम हो चुकी है। अभी प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के निरंतर मजबूत होने से भी रुपये की स्थिति कमजोर हो चुकी है। तकरीबन 2 दशक के उपरांत डॉलर और यूरो की वैल्यू बराबर हो चुका है, जबकि यूरो (Euro) लगातार डॉलर से ऊपर रहता हुआ आया है। इंडियन रुपये के बारें में बात की जाए तो दिसंबर 2014 से अब तक यह डॉलर के मुकाबले करीब 25 प्रतिशत कमजोर हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को बोला था कि रुपये में हालिया गिरावट का कारण कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) में आई तेजी और रूस-यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग (Russia-Ukraine War) है।
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