कोरोना वायरस का नया वेरिएंट B।1।1।529 (ओमिक्रॉन) इस समय दुनियाभर के लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। यह दुनिया के सामने एक नई मुसीबत बनकर खड़ा दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि WHO ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है और इसे ''वेरिएंट ऑफ कन्सर्न' के रूप में सूचीबद्ध किया है। वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने यह दावा किया है कि ओमिक्रॉन जैसे खतरनाक वेरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटबॉडीज थैरेपी का कोई असर नहीं होता है। अब तक इस वेरिएंट की ताकत और लक्षणों को लेकर भी बहुत सी नई बातें सामने आई हैं।
आइए जानते हैं कितना खतरनाक ऑमिक्रॉन वेरिएंट?- जी दरअसल प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर इसे डेल्टा वेरिएंट से छह गुना ज्यादा ताकतवर बताया जा रहा है। आपको हम यह भी बता दें कि डेल्टा वही वेरिएंट है जिसने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाकर रख दी थी। ऐसे में अब यह तीसरी लहर का कारण बताया जा रहा है। कहा जा रहा है यह वेरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है। मिली जानकारी के तहत ओमिक्रॉन पिछले वेरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीनेशन या नेचुरल इंफेक्शन से होने वाले इम्यून रिस्पॉन्स को भी बेअसर कर सकता है।
क्या हैं ओमिक्रॉन इंफेक्शन के लक्षण?- दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान करने वाली डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बीबीसी के हवाले से कहा, 'मैंने इसके लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था।' आगे उन्होंने जानकारी दी कि मरीज को बहुत ज्यादा थकावट रहती थी। उसे हल्के सिरदर्द के साथ पूरे शरीर में दर्द की शिकायत थी। गले में खराश की जगह छिलने की दिक्कत थी। उसे ना तो खांसी थी और ना ही लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल जैसा कोई लक्षण दिख रहा था। हालाँकि अब तक अधिकांश लोगों में इसके लक्षण कैसे होंगे, इसको लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस वेरिएंट के दौरान सभी संक्रमितों में इसके बहुत हल्के लक्षण नजर आ रहे थे।
दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र लौटा शख्स कोविड पॉजिटिव, मची खलबली
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने देश को चेताया
पाबंदियों पर छलका दक्षिण अफ्रीका का दर्द, कहा- 'सजा मिल रही'