यरूशलम: फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच जारी जंग का आज 20वां दिन है। इस बीच इजरायली सेना, गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है, जहाँ हमास के आतंकी छिपे हुए हैं। युद्ध की आग अब इजराइल के पड़ोसी मुस्लिम मुल्क सीरिया और लेबनान तक जा पहुंची है। इजरायली सेना के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को सीरिया के मिलिट्री बेस पर भी हमले किए थे। इन हमलों में सीरिया का सैन्य अड्डा तबाह हो गया था। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को एक लंबी बहस हुई, जिसमें 90 देशों के वक्ताओं में से कई ने गाजा पट्टी में बढ़ती मौतों के बीच युद्धविराम की अपील की है।
वहीं, हमास ने कहा है कि इजरायली हमलों के कारण उत्तरी गाजा पट्टी के अस्पतालों में भयानक बिजली संकट पैदा हो गया है, जो "मानवता के खिलाफ अपराध" है। आतंकी संगठन हमास ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और सऊदी अरब सहित तमाम मुस्लिम मुल्कों से गाजा पट्टी में उपजे संकट के उचित समाधान के लिए कदम उठाने की अपील की है।
#عاجل #خاص هكذا يبدو أكثر من نصف مليون لتر من السولار الموجود بحوزة حماس إلى جانب #معبر_رفح وهي تتمادى في إطلاق مزاعمها بعدم قدرتها على تزويد المستشفيات والمخابز والمدنيين بالوقود. #دواعش_حماس يسرقون هذا السولار من المدنيين وينقلونه إلى أنفاقهم وقاذفاتهم وقادتهم.
— افيخاي ادرعي (@AvichayAdraee) October 24, 2023
هكذا يبدو سلم… pic.twitter.com/PJJZgZXcck
हालाँकि, इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने आतंकी संगठन हमास के ऊर्जा संकट के दावों की पोल खोल दी है। IDF ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर गाजा पट्टी में ईंधन टैंक दिखाने वाली तस्वीरें जारी कीं है, जिसमें दावा किया गया कि हमास ने वहां बड़ी मात्रा में ईंधन इकठ्ठा कर रखा है। IDF ने ये एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की हैं, जिसमें गाजा पट्टी के दक्षिण में राफा क्रॉसिंग के पास का एक स्थान दिखाया गया है। IDF के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने अरबी भाषा में लिखा है कि, "ऐसा दिखता है कि हमास ने इन टैंकों में पांच लाख लीटर से ज्यादा डीजल इकठ्ठा कर रखा है, जबकि वह दावा करता रहा है कि उसके पास अस्पतालों और बेकरियों को आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं है।
IDF द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरों में 12 बड़े-बड़े टैंक नज़र आ रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि हमास ने खतरों को भांपते हुए पहले से ही तेल इकठ्ठा कर रखा है। हालांकि, ईंधन की कमी की वजह से सोमवार की रात उत्तरी गाजा के कई अस्पतालों में बिजली गुल हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, देर रात बिजली बहाल कर दी गई थी, किन्तु अस्पताल के पास केवल 48 घंटे तक जनरेटर चलाने का ही ईंधन स्टॉक शेष है। इसके ख़त्म होते ही श्वसन यंत्र (रेस्पिरेटर) और इनक्यूबेटर जैसे जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरण काम करना बंद कर देंगे।
वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि IDF का दावा सच है, तो गाजा के सभी अस्पतालों को कई दिनों तक ईंधन सप्लाई जारी रह सकती है। बता दें कि गाजा पट्टी में इजरायल से ही सामान्यत:ईंधन की आपूर्ति होती है, मगर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल ने ईंधन सप्लाई बंद कर दिया है। युद्ध के प्रारंभिक घंटों में ही इजरायल ने तटीय क्षेत्रों में पूर्ण नाकेबंदी लगा दी थी और गाजा में ईंधन के एंट्री पर रोक लगा दी है। इस बीच, संघर्ष शुरू होने के बाद से पहले दो राहत काफिलों को शनिवार और रविवार को गाजा में घुसने की इजाजत दी गई, जिसमें कुल 34 ट्रक भोजन और चिकित्सा उपकरण शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को मिस्र की ओर से गाजा पट्टी में अज्ञात तादाद में ट्रकों के तीसरे काफिले ने राहत सामग्री के साथ प्रवेश किया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) का कहना है कि गाजा के 24 लाख निवासियों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 100 ट्रकों के गाजा में एंट्री करने की ज़रूरत है।
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