मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में सभी दल जोर-शोर से जुटे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति संभाजीनगर में एक रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सरकार चुनने का नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा और इतिहास के प्रति सम्मान का भी है। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में एक तरफ छत्रपति संभाजी महाराज के देशभक्त अनुयायी हैं, जबकि दूसरी तरफ औरंगजेब का समर्थन करने वाले लोग हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर नामकरण की मांग सबसे पहले बालासाहेब ठाकरे ने की थी, पर अघाड़ी सरकार ने कांग्रेस के दबाव में इसे नहीं अपनाया। महायुति सरकार के आने के बाद, इस मांग को पूरा किया गया और शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर किया गया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे छत्रपति संभाजीनगर के नामकरण से नाखुश हैं, यहां तक कि उनके समर्थक इस फैसले के खिलाफ अदालत भी गए। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के विकास में बीजेपी और महायुति की प्रतिबद्धता की बात करते हुए कहा कि राज्य में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है, जिसमें समृद्धि महामार्ग का निर्माण भी शामिल है, जो मराठवाड़ा, विदर्भ और मुंबई को जोड़ता है।
उन्होंने मराठवाड़ा के पानी की समस्या पर भी बात की और कहा कि अघाड़ी सरकार इस समस्या को नजरअंदाज करती रही, जबकि उनकी सरकार ने सूखे के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान विठ्ठल के भक्तों के लिए पालकी महामार्ग का निर्माण किया गया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर ओबीसी समुदाय को बांटने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ओबीसी को विभाजित कर अपनी सत्ता की वापसी की कोशिश में है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस का असली एजेंडा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को खत्म करना है। उन्होंने कांग्रेस पर जाति आधारित बंटवारे और विकास में अवरोध पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी केवल समाज को बांटने पर विश्वास करती है, न कि विकास पर।
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