नई दिल्ली: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के खिलाफ भागलपुर स्टेशन चौक पर साझा प्रतिवाद-प्रर्दशन हुआ था, जिसमे काफी तादाद में बुद्धिजीवियों, छात्र - नौजवानों व समाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था. प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने मीडिया से कहा कि गौरी लंकेश की हत्या नरेन्द्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और एम एम कलबुर्गी की हत्याओं की अगली कड़ी है.
वहीं वक्ताओं ने यह भी कहा- 'नफरत और हिंसा की ताकतें हमलावर हैं,वो सच बोलने और लिखने वालों पर हमला कर रहे हैं. प्रतिक्रियावादी शक्तियां आज उग्र और हमलावर हैं.
उसके बाद उन्होंने कहा कि, गौरी लंकेश की हत्या लोकतंत्र की हत्या है. सच बोलने-लिखने की चेतना व भावना को कुचलकर ठंडा कर देने की अधिकतम कोशिश है. इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. गौरी लंकेश आदिवासियों के अधिकारों को लेकर काफी स्ट्रीक थी, जिसकी वजह से वो लोगो की आंखों में चुभने लगी थी.