18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन हुआ, पीएम मोदी ने कहा यह एक जीवंत त्योहारों का समय

18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन हुआ, पीएम मोदी ने कहा यह एक जीवंत त्योहारों का समय
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tyle="text-align: justify;">देश में प्रवासी भारीतय दिवस की शुरुआत आज से हो चुकी है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जो आज यानी 9 जनवरी 2025 से 11 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस साल 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के भुवनेश्वर में इस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। नरेंद्र मोदी द्वारा इस सम्मलेन का उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन के दौरान नरेंद्र मोदी के साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी वहां पर मौजूद रहे।

इस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि, देश में यह एक जीवंत त्योहारों का समय है। कुछ ही दिनों में प्रयागराज में भी महाकुंभ शुरू होने वाला है। वहीं इस महीने हर राज्य के नव वर्ष के त्योहार जैसे मकर संक्रांति, बिहू, पोंगल, लोहड़ी भी आने वाले है। हर जगह बस आनंदमय वातावरण ही नजर आ रहा है। इसके अलावा उन्होंने वहां पर मौजूद जनता से कहा कि, आज आप ओडिशा की जिस महान धरती पर एकत्रित हुए हो वो भी भारत की समृद्ध विरासत की एक परछाई है। ओडिशा में हर कदम पर हमारे देश की विरासत के दर्शन होते है।

साथ ही उन्होंने कहा कि, उन्होंने हमेशा ही भारतीय डायस्पोरा यानी प्रवासियों को भारत का राष्ट्रदुत माना है। उन्हें बहुत खुशी होती है जब पूरी दुनिया में वह सभी साथियों से मिलते है। जो प्यार उन्हें दुसरे देश में बस भारतियों से मिलता है, वो उसे भूल नहीं सकते है। साथ ही उन्होंने बताया कि, पिछले 10 वर्षों में उनकी दुनिया के हर लीडर से मुलाकात हुई है। वह जब भी दुसरे देश जाते है, वहां के लीडर हमेश भारतीय प्रवासियों की बहुत प्रशंसा करते है। इसका एक अहम कारण सोशल वैल्यू ही है। आखिर में उन्होंने प्रवासियों से कहा कि, वह हमेशा अपनी कर्मभूमि की ईमानदारी से सेवा करते रहे।

आपको बता दे कि इस बार इस दिवस की थीम 'विकसित भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान' रखी गई है। इस बार 70 से ज्यादा देशों से करीबन 3000 भारतीय प्रवासी इस आयोजन में भाग लेंगे। सन 1915 में इसी दिन यानी 9 जनवरी को महात्मा गांधी अफ्रीका से अपनी पढाई कर के वापस लौटे थे। 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपाई ने इस अवसर पर भारतीय प्रवासी दिवस की शुरुआत की थी। 2015 से हर दो साल के अंतराल में यह कार्यकर्म आयोजित होता है। सम्मलेन के आखिर दिन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी को भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। यह किसी अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति को दिया जाने वाला सबसे सर्वोच्च सम्मान है।

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