भोपाल: कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कलेक्टरों से सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं. अब यदि कोरोनावायरस का संदिग्ध या पॉजिटिव मरीज और उसके संपर्क में आए लोग क्वारैंटाइन या आइसोलेशन होने से मना कर देते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने ये निर्देश भोपाल में कुछ स्थानों पर कोविड-19 के पोस्टर फाड़ने और इन्हें लगाने गई टीम के सदस्यों से झगड़ा करने के मामले सामने आने बाद लिया है. उधर, इंदौर में प्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के सबसे ज्यादा मामले सामने आने के बाद सख्त कदम उठाने के निर्देश कलेक्टर को दे दिए हैं.
राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के तमाम जिलों में इस तरह के मामले देखने में आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम जब संक्रमण की आशंका के चलते जब पोस्टर लगाने और क्वारेंटाइन की समझाइश देने जाती है तो लोग अपना रुतबा दिखाते हुए पोस्टर नहीं लगवा रहे हैं. भोपाल में कुछ पत्रकारों और एक एयर होस्टेस का मामला सुर्खियों में आया था. सरकार के नए निर्देशों के बाद अब ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया जायेगा. जिस वजह से लोगों को उनके निर्देश मानने पड़ेंगे.
बता दें की सरकार ने कलेक्टर को ये अधिकार दे दिए हैं. मध्य प्रदेश एपीडेमिक डिसीजेज एक्ट 2020 में इसका प्रावधान किया गया है. इसे लेकर शनिवार को गजट अधिसूचना जारी की गई है. यह एक्ट एक साल तक के लिए लागू होगा. प्रावधानों के उल्लंघन पर आईपीसी की धाराओं के तहत संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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