नई दिल्ली: STF टीम को कुचलने की कोशिश करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अरुण यादव ने लेखपाल, कानूनगो और दो पुलिसकर्मियों की शह पर सरकारी भूमि पर कब्जा किया था। हर स्तर पर मिलीभगत के कारण ही उसने सरकारी जमीन पर आलीशान कार्यालय, पार्क और गोशाला बनवा रखी थी। ACP और प्रशासन की तरफ गठित चार सदस्यीय टीम को कुछ ऐसे ही तथ्य हाथ लगे हैं। इन तथ्यों के आधार पर कुछ और कागज़ात मोहनलालगंज तहसील से निकलवाये गए हैं। दावा किया जा रहा है कि कुछ और तथ्य मिलते ही जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को सौंपी जायेगी।
अरुण यादव के इन कब्जों की पोल उस समय खुली थी, जब उसके हाते में टैंकर से पेट्रोल-डीजल और डिनेचर्ड स्प्रिट चोरी करने की सूचना पर STF ने 23 मई को रेड मारी थी। अरुण ने अपने साथियों के साथ सफारी गाड़ी से STF को कुचलने की कोशिश की थी। उसके साथियों ने पूरी टीम को घेर लिया था। इसी दौरान सपा नेता अरुण फरार हो गया था। उसके दो साथी पकड़ गये थे। दो दिन बाद ही अरुण व उसके तीन साथी अरेस्ट हो चुके हैं।
इसके बाद ही पता चला था कि अरुण ने चारागाह की पौने दो बीघा भूमि पर कब्जा कर रखा था। इस पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त शानदार कार्यालय बना लिया था। कई दुकानों का निर्माण कराने के साथ ही गौशाला भी बना रखी थी। इसमें गायों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा भैंसे भी पाल ली थी। पूरा परिसर CCTV कैमरों से लैस था। कई कमरे भी बने हुए थे। उसी समय यह सवाल उठ गया था कि कब्जे पर कब्जा अरुण करता गया और तहसील व पुलिस प्रशासन को कभी यह दिखा ही नहीं। इतना ही नहीं जिला पंचायत से ही वर्ष 2018-2019 में उसने अपने अवैध निर्माण तक जाने वाली सड़क पर इंटरलाकिंग का निमार्ण सरकारी पैसे से करवा लिया था।
हिमाचल प्रदेश चुनाव: एंटी इनकंबेंसी का डर ! बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट कटेगी भाजपा
आज़म खान को मनाने की एक और कोशिश, पत्नी तंजीन को रामपुर से चुनाव लड़ा सकते हैं अखिलेश
केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के घर ED का छापा, मनी लॉन्डरिंग केस में हुई कार्रवाई