दक्षिण भारत में तो हर त्यौहार को परंपरा और बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. जब भी दक्षिण भारत में किसी त्यौहार का सेलिब्रेशन होता है तो उस समय वहां की रंगत देखने ही बनती है. इन दिनों तो केरल में वहां का सबसे पुराना और सबसे बड़ा त्यौहार ओणम की खासतौर से तैयारियां चल रही हैं. हर साल ओणम का त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष ओणम की शुरुआत 15 अगस्त से होगी जो कि 27 अगस्त तक चलेगा. आज हम आपको इस त्यौहार की कुछ विशेषताओं के बारे में बता रहे हैं-
राजा महाबली की पूजा
ओणम के दौरान केरल के महाबली असुर नाम के राजा की पूजा की जाती है. दरअसल ऐसा कहा जाता है कि महाबली ने भगवान विष्णु से अपनी प्रजा से मिलने के लिए साल में एक बार धरती पर आने की अनुमति मांगी थी और भगवान विष्णु ने उन्हें अनुमति दें भी दी थी. इस दौरान महाबली अपनी प्रजा से मिलने धरती पर आते हैं और प्रजा अपने राजा के भव्य स्वागत के लिए जोरों-शोरो से तैयारियां करती हैं. केरल के लोग अपने घरों के बाहर रंगोली बनाकर सजावट करते है इसके साथ ही इस दौरान स्वादिष्ट पकवान भी बनाते हैं.
श्रावण देवता और फूलों की देवी की पूजा
श्रवण के मौसम में वैसे भी चारों ओर हरियाली छा जाती है. केरल भी इस समय चाय, अदरक, इलायची, काली मिर्च तथा धान फसल होती है. लोग अच्छी फसल देखकर उत्साहित हो जाते है और उनके अंदर नई-नई उमंगें भी भर जाती हैं. इसलिए केरल के लोग इस समय श्रावण देवता और फूलों की देवी की पूजा करते हैं.
स्वादिष्ट पकवान
ओणम आते ही सभी लोग स्वादिष्ट पकवान बनाने की तैयारियों में जुट जाते हैं. ओणम के समय पूजा वाली खीर के साथ खिचड़ी करेला,अवियल, दही, घी, पुलिस्सेरी, खिचड़ी बीटरुट, दाल, साम्भर, केला चिप्स, आमदूध और चावल का खीर, केला, पापड़ सहित लगभग 27 तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं.
धर्म से जुडी और ख़बरें...
केरल: भीषण बाढ़ और तबाही के बीच आया 'ओणम'