ओलंपिक चैम्पियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को एक बार फिर इतिहास रच डाला है और वह डायमंड लीग मीट के लुसाने चरण का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन चुके है। इसी के साथ वह सात और 8 सितंबर को ज्यूरिख में डायमंड लीग के फाइनल में भी पहुंच चुके है। वह यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय है। साथ ही उन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 में होने वाले वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालिफाई किया है। नीरज चोपड़ा (24) ने इस खिताब को हासिल करने के लिए पहली कोशिश में भाला 89.08 मीटर रिपीट 89.08 मीटर दूर फेंका। यह उनके करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ कोशिश की है। वह चोट के कारण बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
हरियाणा में पानीपत के रहने वाले चोपड़ा डायमंड लीग का कोई खिताब जीतने वाले पहले इंडियन बन चुके है। चोपड़ा से पहले चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा डायमंड लीग मीट के शीर्ष तीन में स्थान बनाने वाले इकलौते इंडियन हैं।
इसके पहले खबर थी कि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के जर्मन कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज का अनुबंध 2024 तक के लिए और भी बढ़ा दिया गया है। AFI ने रविवार को पुष्टि की कि नीरज चोपड़ा अपने कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज के साथ अभ्यास करना जारी रखने वाले है क्योंकि उनका अनुबंध 2024 में होने वाले पेरिस खेलों तक बढ़ाया जा चुका है।
टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने के उपरांत चोपड़ा ने जर्मनी के इस ‘बायो-मैकेनिकल’ विशेषज्ञ के साथ प्रशिक्षण जारी रखने की इच्छा को जाहिर कर दिया है। AFI ने बोला है ‘हमने 2024 के पेरिस खेलों तक ओलंपिक भाला फेंक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के कोच डॉ. क्लाउस बार्टोनिट्ज की सेवाएं हासिल अपने नाम कर ली है।’ ख़बरों की माने तो नीरज चोपड़ा की 2018 में कोहनी की सर्जरी के उपरांत पुनर्वास और ठीक होने की प्रक्रिया के दौरान बार्टोनिट्ज ने हमवतन और पूर्व विश्व रिकॉर्डधारी भाला फेंक खिलाड़ी उवे हॉन से चोपड़ा के कोच के रूप में कार्यभार अपने हाथों में ले लिया था।
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