भोपाल: किसानों की आत्महत्या के मामले में देश के अग्रणी प्रदेश मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में ये आंकड़े बड़ी तेजी से दुरस्त हो रहे है. अब निमाड़ से एक बुरी खबर है जहा खरगोन के एक बुजुर्ग किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कारण वही है 80 हजार का सोसायटी और बिजली बिल जिसे चुकाने से ज्यादा सस्ता इस अन्नदाता को भी मौत को गले लगाना लगा.
खरगोन जिले के बिस्टान पुलिस थाने के गाड़ाघाट में 65 वर्ष के किसान रणछोड़ जिरभान ने कर्ज से परेशान होकर खेत पर फांसी लगा ली. किसान के परिजनों ने बताया कि वे परेशान चल रहे थे और दिन भर सिर्फ कर्ज के बारे में सोचते रहते थे और इसी बारे में बात किया करते थे. बिजली बिल सहित सोसायटी के कुल 80 हजार रुपए बाकि थे जिसे देने में किसान सक्षम नहीं था.
अब जब मामला पुलिस तक जा पहुंचा है तो वही जांच और फिर यदि किस्मत रही तो आमूल चूल मुआवजे से मामला दबा दिया जायेगा. मगर फिर एक बार या शायद कई हजारों मौतों के बाद भी वही सवाल खड़ा है कि कब तक आखिर कब तक देश की भूख मिटने वाला देश का पालनहार फांसी के फंदे और जहर के घुट को अपनी नियती मानकर जिंदगी खत्म करता रहेगा.
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