भारत मे आज से पांच साल पहले तक किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत में ऑनलाइन बाजार इतनी तेजी से बढ़ेगा और आने वाले समय में उपले भी ऑनलाइन बेचे जाएंगे, लेकिन समय बदला और इसके साथ ही ऑनलाइन खरीदारी पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा. ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपके सामने एक ही सामान अलग-अलग कई कंपनियों द्वारा लिस्ट किए गए होते हैं. ऐसे में आप अपनी जरूरत और पंसद के अनुसार चीजों को देखते हैं और फिर खरीदते हैं. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
वॉट्सऐप : ये ख़ास फीचर बढ़ाएंगे चैटिंग का मजा
आपको मोलभाव करने की जरूरत ऑनलाइन खरीदारी में नहीं पड़ती है, क्योंकि एक ही प्रोडक्ट अलग-अलग वेबसाइट्स पर अलग-अलग कीमतों के साथ मिल जाता है. ऑनलाइन शॉपिंग में कुछ सुविधाएं तो हैं लेकिन इसमें बड़ी धोखाधड़ी भी है. ऑनलाइन बाजार में आपकी एक छोटी-सी लापरवाही या गलती मुसीबत में डाल सकती है. तो चलिए जानते हैं ऑनलाइन खरीदारी में आपको किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. ऑनलाइन शॉपिंग में पहला काम यह है कि आपको वेबसाइट की पहचान होनी चाहिए, क्योंकि सोशल मीडिया पर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के नाम से फर्जी लिंक शेयर होते हैं और कई फर्जी विज्ञापन भी दिखाया जाता है. इन विज्ञापनों में 10,000 रुपये के सामान को 100 या 200 रुपये में भी बेचने का दावा किया जाता है. ऐसे में यदि आपको वेबसाइट की समझ नहीं है तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं और आपको नकली सामान भी मिल सकता है.
BSNL के इस ब्रॉडबैंड प्लान के साथ मिलेगा फ्री Hotstar प्रीमियम
सबसे पहले यह देखें कि वह वेबसाइट सिक्योर है या नहीं, क्योंकि अन-सिक्योर साइट पर किसी तरह का पेमेंट करना खतरे से खाली नहीं होता है. यदि किसी वेबसाइट के यूरआएल की शुरुआत में एक हरे रंग के लॉक का निशान या फिर उसमें https नहीं है तो आपको ऐसी वेबसाइट पर भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसी वेबसाइट्स फर्जी हो सकती हैं और ये आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड या बैंक से संबंधित निजी जानकारी चोरी कर सकती हैं. सिक्योर वेबसाइट के उदाहरण के तौर पर आप इस फोटो को देख सकते हैं.कई बार आपका कोई दोस्त व्हाट्सएप पर मैसेज भेजता है जिसमें 15 हजार रुपये के स्मार्टफोन को सिर्फ 150 रुपये में देने का दावा किया जाता है. ऐसे मैसेज में लोगों को गुमराह करने के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट का लोगो भी इस्तेमाल किया जाता है. आपको इस तरह के मैसेज के साथ मिले लिंक पर क्लिक नहीं करना है और ना ही किसी मैसेज पर भरोसा करना है. ऐसे मैसेज को यदि आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि इनका यूआरल दूसरे नाम से होता है. कई बार जानी-पहचानी और नामी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी कुछ सेलर्स फर्जी प्रोडक्ट्स को लिस्ट कर देते हैं. ये सेलर्स बाजार की मांग को देखते हुए सामान की कीमत को कम या ज्यादा रखते है. यदि आप किसी भी वेबसाइट से कोई सामान खरीद रहे हैं तो उसके साथ लगे लेबल को ध्यान से देखें. उदाहरण के तौर पर फ्लिपकार्ट पर प्रोडक्ट्स के साथ flipkart assured और अमेजन पर amazon fulfilled का लेबल लिखित रूप में होता है. जिन प्रोडक्ट्स के साथ ये लेबल ना हों, उन्हें ना खरीदें, क्योंकि ऐसे किसी भी प्रोडक्ट की जिम्मेदारी ई-कॉमर्स कंपनियां नहीं लेती हैं.
Samsung Galaxy M30 का नया मॉडल आया सामने है, ये होगा संभावित नाम
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऑनलाइन शॉपिंग के ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें खरीदारी के दौरान ही पेमेंट ले लिया गया लेकिन सामान नहीं पहुंचा और फिर बाद में पैसे के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़े. ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी में किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने का सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता है, कैश ऑन डिलीवरी. अगर किसी सामान को ऑर्डर करने के दौरान यह सुविधा मिलती है, तो आपको इसे ही चुनना चाहिए. इसमें पहले सामान आपके पास पहुंच जाता है, उसके बाद आपको पेमेंट करना होता है. ऐसे में थोखाधड़ी का खतरा कम हो जाता है.ऑनलाइन पेमेंट में कार्ड सेव ना करेंयदि कोई वेबसाइट किसी प्रोडक्ट के लिए कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा नहीं देती है और आपको लगता है कि उस वेबसाइट पर भरोसा किया जा सकता है तो आप ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान उस साइट पर अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड को सेव करने की गलती ना करें. दरअसल पेमेंट करते वक्त जब आप अपने कार्ड की जानकारियां डालते हैं, तो आपको save card details का ऑप्शन मिलता है. कई बार उसमें पहले से ही ok या yes पर टिक किया हुआ होता है. पेमेंट कंफर्म करने से पहले उस टिक को yes से हटा कर no सेलेक्ट कर लें.
TRAI के नए नियम से यूजर को हो रहा फायदा, पढ़े रिपोर्ट
PUBG Lite : इन स्टेप्स से करें प्री-रजिस्टर, जीत सकते है ईनाम
भारत में LG पेश करेगा सबसे सस्ता ट्रिपल कैमरे वाला स्मार्टफोन