इंदौर : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में नोटबंदी के बाद ऑनलाइन लेन -देन 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है.किराना, फल-सब्जी विक्रेता से लेकर अन्य छोटे दुकानदारो ने मोबाइल वॉलेट की ओर रुख कर लिया है. जबकि बड़े व्यापारी भी नकदविहीन लेन-देन के लिए प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीन को पसंद करने लगे है.करीब 50 हजार पीओएस मशीनों का ऑर्डर दिया जा चुका है.
गौरतलब है कि नोटबन्दी के बाद बाजार में पसरा सन्नाटा अब धीरे -धीरे दूर हो रहा है. जरूरी सामान की खरीदी-बिक्री में अब 60 फीसदी से ज्यादा ऑनलाइन लेनदेन हो रहा है. छोटी खरीदी ही अब नकद में हो रही है. छोटे कारोबारी और फल-सब्जी विक्रेता भी मुख्य रूप से मोबाइल वॉलेट से भुगतान स्वीकार करने लगे हैं , क्योंकि इस लेनदेन में अन्य शुल्क नहीं लगता है इस कारण छोटे-छोटे बिलों का भुगतान आसान हो गया है.
उधर, बड़े कारोबारी खासतौर से जो थोक के सौदे करते हैं, वह प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीनको सुरक्षित मानते हुए उसे पसंद करने लगे हैं.करीब 50 हजार पीओएस लगाने के ऑर्डर बैंकों को हो चुके हैं. बता दें कि जो बड़े वेंडर हैं वे पहले बैंक को पीओएस भेजते हैं और फिर बैंक इन्हें दुकानों पर लगाता है. फ़िलहाल देश में दो ही बड़े वेंडर हैं.जो बैंकों को पीओएस भेजते हैं.इसलिए इस पूरे काम में तीन-चार माह का समय लग सकता है.
वहीं , इंदौर कलेक्टर पी. नरहरि की कोशिश है कि इंदौर देश का पहला कैशलेस जिला बने. इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है.कलेक्टर ने सभी पंचायतों के सरपंच, सचिव को प्रशिक्षण देकर इस संबंध में पूरा लेन-देन नकदविहीन करने के लिए कहा है.बैंक ऑफ इंडिया के पास सभी पंचायतों के खाते हैं, इन्हें सभी जगहों पर पीओएस लगाने के ऑर्डर दिए जा चुके हैं.
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