दुनिया में सिर्फ 15 मुल्क, पाक-अफगान और बांग्लादेश मिलकर बना अखंड भारत, New World Order का नक्शा वायरल

दुनिया में सिर्फ 15 मुल्क, पाक-अफगान और बांग्लादेश मिलकर बना अखंड भारत, New World Order का नक्शा वायरल
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नई दिल्ली: दुनिया के नक्शे को लेकर चर्चा फिर से गरमा गई है। एक ऐसा नक्शा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लगता है जैसे पूरी दुनिया के भूगोल को फिर से खींचा जा रहा हो। यह नक्शा कोई नया नहीं है। इसे 1942 में मौरिस गोम्बर्ग नाम के व्यक्ति ने बनाया था। मौरिस का दावा था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के मानचित्र में बड़े बदलाव आएंगे, और केवल 15 देश ही अस्तित्व में रहेंगे।  

यह नक्शा पहली बार 1942 में फिलाडेल्फिया, अमेरिका में प्रकाशित हुआ था। इसके प्रकाशक मौरिस गोम्बर्ग मूल रूप से रूस के रहने वाले थे, लेकिन बाद में अमेरिका में बस गए। उन्होंने दावा किया था कि भविष्य में दुनिया का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा। इस नक्शे को देखकर ऐसा लगता है कि कुछ बड़े और शक्तिशाली देश छोटे देशों को मिलाकर नई महाशक्तियों के रूप में उभरेंगे।  

इस नक्शे में भारत का जिक्र एक 'फेडरेशन रिपब्लिक ऑफ इंडिया' के रूप में किया गया है। इसमें वर्तमान भारत के साथ अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, और म्यांमार को भी शामिल दिखाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि जब यह नक्शा बनाया गया था, उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। सवाल उठता है कि क्या इस नक्शे में दिखाया गया अखंड भारत कभी वास्तविकता में बदल सकता है?  

 

इस नक्शे में अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में दिखाया गया है। मौरिस ने कहा था कि अमेरिका न केवल कनाडा और मेक्सिको को अपने हिस्से में शामिल करेगा, बल्कि मध्य अमेरिका और कैरेबियाई देशों को भी अपने में मिला लेगा। इसके साथ ही ग्रीनलैंड और आइसलैंड जैसे द्वीप भी अमेरिकी सीमा का हिस्सा बन जाएंगे।  

 दक्षिण अमेरिका को 'संयुक्त राज्य दक्षिण अमेरिका' (USSA) में बदल दिया गया है, जिसमें पूरे दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप को शामिल किया गया है। अफ्रीका के सभी देशों को मिलाकर 'अफ्रीकी गणराज्य संघ' (UAR) का निर्माण दिखाया गया है। मध्य पूर्व के देशों जैसे सऊदी अरब, इराक, और सीरिया को मिलाकर 'अरेबियन फेडरेटेड रिपब्लिक' (AFR) बनाया गया है। चीन को एक 'संयुक्त चीनी गणराज्य' (URC) में दिखाया गया है, जिसमें चीन के साथ उत्तर और दक्षिण कोरिया, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, और थाईलैंड के कुछ हिस्से शामिल हैं। वहीं, यूरोप को 'संयुक्त राज्य यूरोप' (USE) के रूप में दिखाया गया है, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, और अन्य बड़े यूरोपीय देश शामिल हैं।  

यह नक्शा हाल ही में तब चर्चा में आया, जब सोशल मीडिया पर यह वायरल हुआ। लोग इसे डोनाल्ड ट्रंप की विस्तारवादी नीतियों से जोड़कर देख रहे हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए कनाडा और ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने की बात कही थी। अब सवाल उठता है कि अगर यह कदम उठाए जाते हैं, तो क्या मेक्सिको भी अमेरिका का अगला निशाना होगा?  

यह नक्शा 82 साल पुराना है, लेकिन इसके वायरल होने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या दुनिया वाकई ऐसी दिशा में बढ़ रही है, जहां भूगोल का स्वरूप बदल जाएगा? क्या भारत फिर से अखंड भारत बन सकता है? क्या अमेरिका अपनी सीमाएं बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है? इस नक्शे को देखकर यह साफ है कि बड़े देश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए विस्तारवादी रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान समय में ऐसा कोई ठोस कदम दिखाई नहीं देता, लेकिन इतिहास गवाह है कि भूगोल हमेशा स्थिर नहीं रहता। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भविष्य में इस नक्शे की कल्पनाएं हकीकत बनेंगी या यह सिर्फ इतिहास का एक पन्ना बनकर रह जाएगा।  

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