रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव का बयान सामने आया है. जिसमें प्राइवेट भागीदारी को लेकर लगाए जा रहे कयासों को खारिज किया गया है. बता दे कि देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) द्वारा चलाए जाने वाले प्राइवेट ट्रेनों में यात्री किराया महंगा होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ 5 फीसद अतिरिक्त ट्रेनों का ही परिचालन प्राइवेट ऑपरेटर्स को दिया जा रहा है. बाकी 95 ट्रेनों का परिचालन रेलवे करेगा.
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अपने बयान में विनोद कुमार यादव ने कहा कि अभी प्रतिस्पर्धा का समय है, ऐसे में प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर इस तरह ही कोई यात्रा किराया तय नहीं कर सकते, जो एसी बसों और एयरप्लेनों के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा हो. उन्होंने आशा जताई कि अप्रैल 2023 तक प्राइवेट ट्रेन देश में चलने लगेंगे. वही, दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए यादव ने साफ किया कि सिर्फ 5 फीसद अतिरिक्त ट्रेनों का ही परिचालन प्राइवेट ऑपरेटर्स को दिया जा रहा है बाकी 95 ट्रेनों का परिचालन रेलवे करेगा. उन्होंने कहा, हम प्रयास कर रहे हैं, रेलवे में भी अत्याधुनिक कोच का इस्तेमाल किया जाय. उन्होंने साफ किया कि रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे की होगी, साथ ही इन प्राइवेट ट्रेनों में ड्राइवर्स और गार्ड रेलवे के होंगे. सिर्फ कोच का ऑपरेशन प्राइवेट ऑपरेटर देखेंगे.
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इसके अलावा यादव ने बताया कि पिछले 70 सालों में रेलवे में ढांचागत विकास पर ध्यान नहीं दिया गया, जितना पिछले 6 सालों में दिया गया है. उनका कहना था, अभी 13.3 फीसद रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाता है. हम कोशिश कर रहे है कि सभी लोगों को ट्रेन बर्थ मिले. उन्होंने बताया कि एक आकलन के मुताबिक 2019 में 8.4 करोड़ यात्रीयों ने ट्रेन द्वारा यात्रा की. 2030 में यह आंकड़ा 13 करोड़ होने की संभावना है जबकि 2040 तक 18 करोड़ लोग ट्रेन के जरिये यात्रा कर लेंगे. ऐसे में रेलवे में ढांचागत विकास और जरूरी इंतजामात करना जरूरी है.
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