बिजली गिराने वो थी आई कहते थे उसको हवाहवाई, भारतीय सिनेमा की चांदनी, शेरनी, हीर,बंजारन, चंद्रमुखी और मॉम श्रीेदेवी की अचानक मौत से बॉलीवुड मे सन्नाटा छा गया है, चार दशक के फ़िल्मी करियर मे श्रीदेवी वो कर गई जो कोई और अदाकारा नहीं कर सकी तभी तो उनका जाना इंडस्ट्री मे एक युग का अंत माना जा रहा है. श्रीदेवी ने अपनी अदायगी से बॉलीवुड में वो करिश्मा कर दिखाया जो माधुरी दीक्षित, रेखा और हेमा मालिनी जैसी एक्ट्रेस भी नहीं कर पाईं. इंडस्ट्री मे कई अदाकारों ने कमबैक तो किया, लेकिन वो पहले वाला जादू कोई नहीं चला पाया .
मगर श्रीदेवी ने इस सिलसिले को तोडा और इंग्िलश-विंग्लिश मे वो वापसी की जिसने श्रीदेवी की काबिलियत का लोहा आज की पीढ़ियों से भी मनवाया और साथ ही अभिनय के मानकों को भी और उचाई पर खड़ा कर दिया . अपनी इस फिल्म मे एक साधारण माँ के किरदार पर श्रीदेवी ने असाधारण छाप छोड़ी और कहा जाने लगा की शायद ये किरदार श्रीदेवी ही निभा सकती थी. श्रीदेवी ने 13 साल की उम्र में तमिल फिल्म 'मूंडरू मुदिछु' में रजनीकांत की सौतेली मां का किरदार निभाया था.
रोमांस, थ्रिलर हो या कॉमेडी श्रीदेवी ने हर किरदार को जीवंत कर दिखाया और दिखाया की किस सहजता से किसी किरदार को जिया जा सकता है. मुख्य धारा से हटकर किये गए चुनौती पूर्ण कामों मे भी श्रीदेवी ने अमर भूमिकाये निभाई और 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर श्रीदेवी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की सबसे पहली फीमेल सुपरस्टार कहलाईं.
श्रीदेवी ने मिथुन के कहने पर बोनी को बांधी थी राखी
श्रीदेवी का पार्थिव शरीर शाम तक मुंबई लाया जायेगा
श्रीदेवी की सादगी भरी लाइफ स्टाइल