दुबई: आखिरकार महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत देने के लिए भारत सरकार की कोशिशों का रंग नज़र आने लगा है। ओपेक और संबद्ध देशों के बीच रविवार को एक पूर्ण सहमति बनी, जिसके तहत पांच ओपेक/गैर ओपेक देश कच्चे तेल का प्रोडक्शन अगस्त से बढ़ाएंगे। इससे पहले इन देशों के बीच विवाद से तेल के दाम प्रभावित हुए थे।
तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके साथी उत्पादक देशों की ऑनलाइन बैठक के बाद रविवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि इराक, कुवैत, रूस, सऊदी अरब और UAE के तेल उत्पादन की सीमा बढ़ेगी। बता दें कि रूस ओपेक का सहयोगी है। ओपेक देशों ने कहा कि अगस्त से उसके उत्पादन में प्रति माह दैनिक 4,00,000 बैरल की वृद्धि की जाएगी और इस तरह इस वक़्त लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे-धीरे 2022 के अंत तक ख़त्म हो जाएगी।
ऑनलाइन बैठक के बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने मीडियाकर्मियों को एक पूर्ण सहमति बनने की जानकारी दी थी। हालांकि, उन्होंने तत्काल इसका ब्योरा नहीं दिया था। किन्तु सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान ने यह अवश्य कहा कि समूह के बीच उत्पादन सीमा को लेकर समायोजन होगा। बाद में ओपेक के बयान में पांच देशों का उत्पादन स्तर बढ़ाने पर सहमति की जानकारी दी गई।
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