इस्लामबाद: पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के ' तत्काल ' इस्तीफे की मांग की, क्योंकि उन्होंने अपनी सरकार को हटाने के लिए देशव्यापी विरोध आंदोलन आयोजित करने के लिए गठबंधन शुरू किया था। ऑल पार्टीज कांफ्रेंस (एपीसी) द्वारा 26 सूत्री संयुक्त प्रस्ताव पारित किया गया था जिसे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने माना था और इसमें पाकिस्तान मुस्लिम्स लीग-नवाज (पीएमएल-एन), जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) और कई अन्य दलों ने भाग लिया था।
बहुदलीय बैठक की समाप्ति के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजल उर रहमान ने इस फैसले को पढ़कर सुनाया और कहा कि विपक्षी दलों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित करने के लिए ' पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ' नाम से गठबंधन शुरू करने की अनुमति दे दी है। घोषणा में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान सरकार को "उसी प्रतिष्ठान द्वारा नकली स्थिरता" प्रदान की गई है जो मौजूदा शासकों को सत्ता में लाने के लिए चुनावों के साथ दखल देता है। इसने देश के आंतरिक मामलों में स्थापना के बढ़ते हस्तक्षेप पर "अत्यधिक चिंता" व्यक्त की और इसे राष्ट्र की स्थिरता और संस्थाओं के लिए खतरा माना।
मंच ने यह भी मांग की कि चुनाव फिर से पारदर्शी तरीके से कराए जाएं और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव सुधार पारित किए जाएं। इसमें कहा गया है कि विपक्ष विधायी प्रक्रिया में सरकार का सहयोग नहीं करेगा। इसमें कहा गया था कि विरोध चरणों में आगे बढ़ेगा। पहले चरण में विपक्षी दल अक्टूबर में चारों प्रांतों में संयुक्त रैलियां करेंगे। दूसरा चरण दिसंबर में शुरू होगा जिसके दौरान विपक्ष देश भर में बड़ी रैलियां आयोजित करेगा।
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