नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया। उनका आरोप था कि बैठक में उचित प्रेजेंटेशन नहीं दिया जा रहा था और दिल्ली वक्फ बोर्ड की रिपोर्ट को संज्ञान में लेना गलत है, क्योंकि मौजूदा एडमिनिस्ट्रेटर की रिपोर्ट को दिल्ली सरकार नहीं मानती है।
विपक्षी सांसदों ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक ने सरकार की अनुमति के बिना प्रेजेंटेशन में बदलाव किया है, जिससे उनकी चिंताएँ बढ़ गई हैं। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के मोहम्मद अब्दुल्ला, और कांग्रेस के नसीर हुसैन समेत अन्य सांसद बैठक से बाहर निकल गए। पिछले मंगलवार को भी जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ था, जिसमें टीएमसी के कल्याण बनर्जी और बीजेपी के अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी बहस हुई थी। इस बहस के दौरान कल्याण बनर्जी ने गुस्से में पानी की बोतल फेंकी, जिसके बाद उन्हें एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए जेपीसी में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्यों को शामिल किया गया है। अब तक जेपीसी को 90 लाख से अधिक सुझाव ईमेल के माध्यम से प्राप्त हो चुके हैं, जबकि कई लिखित सुझाव भी मिले हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जब सरकार शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित करेगी, तो विपक्षी सांसद यह आरोप लगाएंगे कि उनसे चर्चा नहीं की गई। लेकिन जब वर्तमान में चर्चा के लिए बैठकें हो रही हैं, तब वे खुद बैठक से बाहर निकल रहे हैं। यह विरोधाभास यह संकेत देता है कि विपक्षी दल किसी भी स्थिति में सरकार के खिलाफ अपने बयानों को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।
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