नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष पूरी तरह से केंद्र सरकार पर हमलावर है. हाल ही में फोन हैकिंग मामले के खुलासे को लेकर विपक्ष लामबंद हो गया है और सरकार से जवाब मांग रहा है. कांग्रेस, लेफ्ट सहित अन्य दलों द्वारा अब इस मसले पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच कराने की मांग की गई है. वहीं, संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाया जा रहा है.
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने इस मुद्दे पर कहा है कि कांग्रेस इस पूरे मामले की जेपीसी जांच की मांग करती है. कांग्रेस के ही गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार ने जो उत्तर दिया है, वह निराशाजनक है. सरकार केवल NSO ग्रुप को बचा रही है, बल्कि उसे जांच बैठानी चाहिए. गौरव गोगोई ने कहा कि पूर्व IT मंत्री इस मामले में जांच चाहते थे, किन्तु नए मंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की जगह जासूसी तंत्र चला रही है. हमारे नेता राहुल गांधी की भी जासूसी की गई है, गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. अधीर रंजन ने आगे कहा कि इसकी न्यायिक जांच बिठानी चाहिए. जो भी सरकार के विरुद्ध है, उसकी जासूसी हो रही है. सरकार चर्चा से भाग नहीं सकती है. शिवसेना के सांसदों द्वारा भी जासूसी मामले में जेपीसी जांच की मांग की गई है, इसके मद्देनज़र सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भी मुलाकात की है.
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