कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर से ईवीएम का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है. हमेशा ईवीएम को निशाने पर लेने वाले विपक्ष ने एक बार फिर से इस मामले को हवा देने की सोच ली है. शनिवार को ये मुद्दा तब उठा, जब कोलकाता में तमाम विपक्ष की एक बड़ी रैली हुई. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने तो इस पर तीखा हमला बोला.
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विपक्षी नेताओं द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ईवीएम से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए जाने के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं की एक चार सदस्यों की एक समिति बनाई है, जो इससे निपटने के सुझाव प्रदान करेगी. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को यह जानकारी दी है. बनर्जी ने कहा है कि, ईवीएम की कार्यप्रणाली के मूल्यांकन और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने का समाधान खोजने के अलावा यह समिति लोकसभा चुनावों से पूर्व चुनाव आयोग को चुनाव सुधारों के बारे में भी सुझाव प्रदान करेगी.
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तृणमूल कांग्रेस द्वारा कोलकाता में आयोजित की गई संयुक्त विपक्ष की रैली में शामिल हुए 14 राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के लिए चाय पार्टी की मेजबानी करने के बाद ममता ने यह ऐलान किया. उन्होंने कहा है कि इस समिति में अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस), अखिलेश यादव (सपा), सतीश चंद्र मिश्रा (बसपा) और अरविंद केजरीवाल (आप) क्रियान्वयन के लिए अपने सुझाव चुनाव आयोग को देंगे और वीवीपीएटी के व्यापक उपयोग के लिए दबाव बनाएंगे.
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