बैंगलोर: कर्नाटक में सरकारी कर्मचारियों ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, ये कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार कर्मचारी संघ ने अपने विरोध को तेज करने के लिए तीन चरण की योजनाओं की घोषणा की है, जिसमें नकदी की कमी से जूझ रही कांग्रेस सरकार से तीन प्रमुख लंबित मांगों को पूरा करने का आग्रह किया गया है: संशोधित वेतन, स्वास्थ्य योजना जारी रखना और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना।
रविवार को एक बैठक में, संघ के अध्यक्ष सीएस शदाक्षरी ने प्रमुख मांगों पर प्रकाश डाला, उन्होंने अपनी मांग बताते हुए कहा कि, सरकार को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तत्काल कार्यान्वयन; कर्नाटक आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना को जारी रखने; और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को पुरानी पेंशन योजना (OPS) से बदलने पर फ़ौरन फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की निष्क्रियता से हमारे पास अपना विरोध तेज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। सीएस शदाक्षरी ने कहा कि, "8 जुलाई से शुरू करके, हमारे सदस्य उचित वेतन संशोधन की मांग करते हुए पूरे राज्य में जिला मंत्रियों, उपायुक्तों और तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपेंगे।" विरोध का दूसरा चरण 16-26 जुलाई को विधानमंडल सत्र के दौरान निर्धारित है। शदाक्षरी ने कहा कि, "अगर सरकार तब तक हमारी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो हम जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण विरोध शुरू करेंगे।"
बता दें कि हाल ही में हुई अपनी बैठक में, राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चर्चा के बाद निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था। इससे पहले, सीएम ने 7वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से समर्थन व्यक्त किया था। पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी 2023 के विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान NPS को खत्म करने और OPS को बहाल करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के डेढ़ साल बाद भी कांग्रेस ने अपना वादा पूरा नहीं किया है। इसके साथ ही कर्नाटक सरकार के लिए ये वादा पूरा करना एक टेढ़ी खीर के समान है, क्योंकि राज्य की कांग्रेस सरकार के पास पहले ही फंड नहीं है। वो अपनी चुनावी गारंटियां पूरा करने के लिए तो SC/ST फंड में से 14 हज़ार करोड़ निकाल रही है, पहले भी 11 हज़ार करोड़ निकाल चुकी है। कांग्रेस सरकार केन्द्र से भी पैसों की कमी के कारण स्पेशल पैकेज मांग रही है। अगर इस बीच उसे अपने ही वादे के अनुसार OPS लागू करना पड़ जाता है, तो ये उसके लिए बड़ा झटका होगा।
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