नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल विपक्ष से मदद मांगने को लगातार नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस क्रम में केजरीवाल बुधवार को अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। AAP सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मीटिंग लखनऊ में होगी। केजरीवाल ने 23 मई को अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन मांगने के लिए देशव्यापी दौरे का आगाज़ किया था ।
बता दें कि, केजरीवाल अब तक पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मुलाकात कर केंद्र सरकार के खिलाफ समर्थन मांग चुके हैं।
बता दें कि, केंद्र सरकार 19 मई को 'ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों' के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दिल्ली सरकार (GNCTD) के नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश लाइ थी। अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया है। यह केंद्र सरकार बनाम दिल्ली सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए फैसले को पलटता है।
क्या है दिल्ली सरकार और अध्यादेश मामला:-
बता दें कि, 11 मई के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित सेवा मामलों से जुड़े सभी कामकाज पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल बताया था। वहीं, जमीन, पुलिस, और पब्लिक ऑर्डर के अलावा सभी विभागों के अफसरों पर केंद्र सरकार को कंट्रोल दिया गया था। ये पॉवर मिलते ही, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सचिवालय में स्पेशल सेक्रेट्री विजिलेंस के आधिकारिक चैंबर 403 और 404 को सील करने का फरमान सुना दिया और विजिलेंस अधिकारी राजशेखर को उनके पद से हटा दिया था। लेकिन, केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई और फिर राजशेखर को अपना पद वापस मिल गया। इसके बाद पता चला कि, दिल्ली शराब घोटाला और सीएम केजरीवाल के बंगले पर खर्च हुए करोड़ों रुपए की जांच राजशेखर ही कर रहे थे। उन्हें पद से हटाए जाने के बाद उनके दफ्तर में रखी फाइलों से छेड़छाड़ किए जाने की बात भी सामने आई थी। एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे राजशेखर के दफ्तर में आधी रात को 2-3 लोग फाइलें खंगालते हुए देखे गए थे। ऐसे में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और अजय माकन द्वारा कहा जा रहा है कि, केजरीवाल इस अध्यादेश का विरोध दिल्ली की जनता के लिए नहीं, बल्कि खुद को बचाने के लिए कर रहे हैं। साथ ही इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस से केजरीवाल का साथ न देने की अपील की है।
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