नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में शहीद 25 जवानों के बलिदान से प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के संगठन ने प्रेरणा लेते हुए एक महत्वपूर्ण पहल करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत ये अधिकारी ऐसे सैन्यकर्मियों के बच्चों की शिक्षा और परिवार को सरकार द्वारा मुआवजा नीति के तहत दिए जाने वाले लाभों को प्रदान किए जाने वाली सुविधाओं को ठीक तरह से परिवार तक पहुंचाने की बात सुनिश्चित की जाएगी।
इस संगठन ने यह तय किया है कि आईएएस अधिकारी जिस राज्य का है उस राज्य के अंतर्गत आने वाले सशस्त्र बलों चाहे वे रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के हों। उनके परिजन को सहायता पहुंचाना सुनिश्चित करेगा। ये अधिकारी तय करेंगे कि परिवार को समय से मुआवजे का धन मिल रहा है या नहीं। उन्हें पैट्रोल पंप या अन्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं यदि सैनिक के शहीद होने के बाद मिलने वाला लाभ नहीं मिल रहा हो तो फिर अधिकारियों का संगठन इसमें सहायता करेगा कि दिवंगत सैनिकों के परिजन को इसका लाभ मिले।
बच्चों को विद्यालय में एडमिशन के ही साथ स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया के ही साथ स्टार्टअप इंडिया आदि प्रोजेक्ट के माध्यम से वाजिब लाभ मिल रहा है या नहीं यह भी ये देखेंगे।
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