भुवनेश्वर: ओडिशा के जाजपुर में पेंटावेलेंट वैक्सीन लगने के 12 दिन बाद 3 माह के बच्चे की जान चली गई। यह घटना धर्मशाला ब्लॉक के सांखा गांव की है। यहां 20 जुलाई को बाबू सेठी नामक व्यक्ति तीन माह के बेटे को पेंटावेलेंट वैक्सीन लगवाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र आया था। दरअसल, पेंटावेलेंट वैक्सीन शिशुओं को पांच किस्म की गंभीर बीमारियों (डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब) से सुरक्षा के लिए लगाई जाती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे को पेंटावेलेंट के साथ-साथ पोलियों ड्रॉप भी दी गई थी। घर आते ही बच्चे की तबियत ख़राब होने लगी। वह जोर-जोर से रोने लगा। उसे बुखार आ गया। फिर उसकी तबियत बिगड़ती ही चली गई और सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। बच्चे के पिता ने पुलिस में इसे लेकर केस दर्ज करवाया है। बच्चे की मां का कहना है कि जब उनके बेटे की तबियत खराब होने लगी, तो वे उसे लेकर आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे। हेल्थ वर्कर्स ने बताया कि इंजेक्शन के दर्द की वजह से बच्चा रो रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे को 48 घंटे तक बुखार रहने का अनुमान है। फिर वह स्वस्थ हो जाएगा। उसे कोई और दवा ना दी जाए।
परिवार वालों ने जानकारी दी है कि उन्होंने आंगनबाड़ी हेल्थ वर्कर्स की बात मान ली और बच्चे को कोई और दवा नहीं दी। किन्तु, जब 48 घंटे के बाद भी बच्चा ठीक नहीं हुआ, तो 22 जुलाई को उसे बडाचना कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने बच्चे को कटक के नर्सिंग होम में रेफर कर दिया। लेकिन उपचार के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं, मां ने बच्चे की मौत के लिए एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सहायक नर्सिंग दाई को जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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