देश के विचारक ओशो रजनीश का जन्मदिवस 11 दिसंबर को मनाया जाता है. देश-विदेश में फैले उनके अनुयायी इसे मुक्ति दिवस या मोक्ष दिवस के तौर पर मनाते हैं. हर विषय पर अलग और खुलकर राय देने की वजह से वह काफी विवादों में भी रहे. कइयों की नजर में ओशो एक 'सेक्स गुरु' का नाम है. हालांकि, स्वीकार और इंकार के बीच, प्रेम और घृणा के बीच ओशो खूब उभरे हैं.
देश के विवादित आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश ने अमेरिका जाकर अपना अलग शहर ही बसा लिया था. ओशो का 'रजनीशपुरम' खूब सुर्खियों में रहा है. ओशो को उनके अनुयायी भगवान रजनीश या सिर्फ भगवान के नाम से भी बुलाते थे. ओशो को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे विवादास्पद आध्यात्मिक गुरुओं की सूची में अव्वल माना जाता है. ओशो का जन्म 11 दिसंबर, 1931 को मध्यप्रदेश के कुचवाड़ा में हुआ था. उनका वास्तविक नाम चंद्र मोहन जैन के था. ओशो का व्यक्तित्व ऐसा था कि कोई भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता था. उनके अनुयायियों में विदेशियों की संख्या काफी अधिक थी.
1974 में ओशों अपने अनुयायियों के साथ पूना आ गए और जहां उन्होनें श्री रजनीश आश्रम की स्थापना की गई थी . यहां आने के बाद उनकी प्रसिद्धि दुनिया भर में फैलने लगी. ओशो के विषय और विचार आम लोगों से बिल्कुल अलग थे. अमेरिका में ओशो और उनके अनुयायियों ने रजनीशपुरम नामक शहर बनाया. रजनीशपुरम के निर्माण के लिए ऑरेगोन प्रांत के मध्य में करीब 65 हजार एकड़ जमीन का चुनाव किया गया था. ये जगह दुर्गम और वीरान थी. शुरू में इसे बिग मडी रैंच के नाम से भी जाना जाता था.
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