गुरुवार को इंडोनेशिया में माउंट सिनाबुंग के ज्वालामुखी विस्फोट के पश्चात उड़ानों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस विस्फोट के पश्चात आकाश में 2 किलोमीटर तक राख का गुबार छा गया. सुमात्रा आइलैंड में एक हफ्ते से भी कम वक्त में आठवीं बार इस ज्वालामुखी के फटने की घटना हुई है.
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400 वर्ष में पहली बार 2010 में सिनाबुंब में वापस जीवन का प्रारंभ हुआ है. कई वर्ष से निष्क्रिय रहने वाले इस ज्वालामुखी में 2013 में एक बार फिर धमाका हुआ और तब से यह सक्रिय है. वही, 2016 में सिनाबुंग ज्वालामुखी फटने से सात लोगों की मौत हुई थी वहीं 2014 में 16 लोग मरे थे. 2018 के अंत में जावा और सुमात्रा आइलैंड के बीच खाड़ी में एक ज्वालामुखी फटा था और इसके कारण पानी के अंदर भूस्खलन और सुनामी की वजह 400 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई. इंडोनेशिया में 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं और इस वजह से इसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है.
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जानकारी के लिए बता दे कि इसके पहले सुमात्रा टापू पर 2010 से धधक रहा ज्वालामुखी सोमवार को एक बार फिर फूट गया था. यह इंडोनेशिया के 120 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक सिनाबुंग 'रिंग ऑफ फायर' में आता है. करीब एक साल तक शांत रहने के बाद जब यह ज्वालामुखी फूटा तो इतनी राख निकली कि आसमान में दो किलोमीटर ऊंचा धुएं का विशाल पहाड़ बन गया. यही नहीं, इससे निकली राख 30 किलोमीटर दूर स्थित बेरास्तगी तक पहुंच गई और इस इलाके से गुजरने वाले यात्री विमानों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ा.
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