टिड्डियों के प्रकोप से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना चाहिए. पश्चिमी अफ्रीका से लेकर भारत तक इस समस्या से करीब 20 देश प्रभावित हैं. टिड्डियों ने प्रभावित देशों की करोड़ों हेक्टेयर फसल नष्ट कर दी है.
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शनिवार को इथियोपिया की राजधानी में एक कार्यक्रम में गुतेरस ने कहा, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की अपील करता हूं. इस समस्या से निपटने के लिए हमारे पास अब भी मौका है. इथियोपिया और पूर्वी अफ्रीका में टिड्डियों की समस्या जलवायु परिवर्तन से जुड़ी है और यह दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है.समुद्र के पानी के गर्म होने का सीधा मतलब है चक्रवात आने की संख्या में वृद्धि. यह स्थिति टिड्डियों के प्रजनन में सकारात्मक भूमिका निभाती है.रेगिस्तानी टिड्डियों को लगभग एक दर्जन प्रजातियों में से सबसे खतरनाक माना जाता है.
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इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने हाल में कहा था कि हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र टिड्डियों से विश्व के तीन सबसे प्रभावित रेगिस्तानी इलाकों में से एक है.अफ्रीकी महाद्वीप के सबसे पूर्वी भाग को हॉर्न ऑफ अफ्रीका कहा जाता है क्योंकि विश्व के मानचित्र पर यह क्षेत्र सींग की तरह दिखता है. इस क्षेत्र में इरिट्रिया, जिबूती, इथियोपिया और सोमालिया स्थित हैं. एफएओ के मुताबिक अब टिड्डियां इथियोपिया और सोमालिया से केन्या जा रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन्हें शीघ्र नहीं रोका गया तो जल्द ही ये युगांडा और सूडान तक पहुंच जाएंगी.
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