दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी श्रीलंका में हैं. इस दौरान वह श्रीलंका के नए राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे से मुलाकात करेंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री अपने समकक्ष दिनेश गनवार्डन से भी मिलेंगे. इस यात्रा में दोनों मुल्क क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता होगी. गौरतलब है कि गत माह श्रीलंका के नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अपने पद की शपथ ली थी. आइए जानते हैं इस यात्रा के निहितार्थ और भारत की क्या हैं बड़ी चिंताएं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान विदेश मंत्री की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है. क्यों कि श्रीलंका, पाकिस्तान और चीन का ट्रेंगल भारत के लिए शुभ नहीं है. राष्ट्रपति गोतबाया का चीन प्रति दिलचस्पी जग जाहिर है. ऐसे में यह बात तब और अहम हो जाती है, जब श्रीलंका की मौजूदा सरकार का रुख भारत विरोधी रहा है. ऐसे में इस यात्रा पर भारत की भी नजर रहेगी.
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भारत ने नए राष्ट्रपति से संपर्क साधने में बहुत तत्परता दिखाई थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर गोतबाया से मुलाकात करने वाले पहले विदेशी उच्चाधिकारी रहे. जयशंकर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए शुभकामना पत्र के साथ ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को भारत दौरे का निमंत्रण भी दे आए। उन्होंने यह आमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है. वह इसी हफ्ते बतौर राष्ट्रपति अपने पहले विदेशी दौरे के रूप में भारत आएंगे. इससे पहले चुनाव जीतने के बाद उन्होंने एलान किया था कि वह नहीं चाहते कि उनका देश किसी तरह की क्षेत्रीय शक्ति खींचतान में शामिल हो. इसे उनके चीन के साथ कथित झुकाव का जवाब माना गया.
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