बर्लिन: काफी समय से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले वैश्विक तापमान में वृद्धि के खिलाफ नए सिरे से कदम उठाने और दुनियाभर के नेताओं पर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार को यूरोप और एशिया में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए.
तख्तियों पर लिखा था 'एक ग्रह, एक लड़ाई': सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक बर्लिन के 'ब्रांडेनबर्ग गेट' पर लोग तख्तियां लिए नजर आए जिस पर लिखा था, 'एक ग्रह, एक लड़ाई.' 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' के ताजा प्रदर्शन में जर्मनी के 500 से अधिक शहरों में छह लाख लोगों ने प्रदर्शन किया.
बढ़ते तापमान के खिलाफ उठाई आवाज: वहीं पुलिस ने बताया कि हेमबर्ग में कुल 30 हजार लोग और म्यूनिख में 17 हजार लोग एकत्रित हुए, जिन्होंने बढ़ते तापमान के खिलाफ आवाज उठाई. मैड्रिड में 1700 लोग एकत्रित हुए.
दिल्ली में 50 स्कूलों और कॉलेज के छात्रों ने मार्च निकाला: वहीं, दिल्ली में लगभग 50 स्कूलों और कॉलेज के छात्रों ने हाथ में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए मार्च किया और सरकार से पर्यावरण आपातकाल घोषित करने की मांग भी की.
प्रदर्शनकारियों ने जलवायु संकट के पीडि़तों के लिए रखा मौन: 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' की डच शाखा ने कहा कि 15 शहरों में प्रदर्शन जारी है. एम्स्टर्डम में शाम को एक पदयात्रा का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने जलवायु संकट के पीडि़तों के लिए मौन भी रखा.
अमेरिका और कनाडा में लोग सड़कों पर उतरे: वहीं अमेरिका और कनाडा में काफी कम संख्या में लोग सड़कों पर उतरे. न्यूयॉर्क में 100 और वॉशिंगटन में करीब 50 लोगों ने ही प्रदर्शन किया.
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