दुनियाभर में कोरोना की दवा खोजने के लिए जंग छिड़ी हुई है. वही, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज की दिशा में छह संभावित दवाओं की पहचान करने में सफलता पाई है. दस हजार से ज्यादा कंपाउंड्स में से पहचान की गई इन दवाओं से कोरोना के उपचार में मदद मिलने की संभावना जताई गई है.
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इस मामले को लेकर नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, क्लीनिकल ट्रायल्स और अन्य कंपाउंड्स में पहचान की गई इन दवाओं के प्रभाव का परीक्षण किया गया है. इसमें पाया गया कि इन दवाओं से कोरोना का उपचार करने में मदद मिल सकती है. ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ल्यूक गुडत ने कहा कि मौजूदा दौर में कोरोना वायरस के लिए कोई प्रभावी उपचार विकल्प नहीं है. हमने क्लीनिकल उपयोग की दिशा में इन कंपाउंड्स में से दवा की जांच के लिए प्रयोगशालाओं में एक प्रोग्राम की शुरुआत की है.
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इस रिसर्च को लेकर प्रोफेसर ल्यूक गुडत ने बताया कि हम यह पता लगाने के लिए एक उन्नत कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं कि ये विभिन्न दवाएं किस तरह वायरस से निपट सकती हैं.' शोधकर्ताओं ने कहा कि इस प्रोग्राम में कोविड-19 वायरस के एंजाइम को साधा गया है. इस एंजाइम को प्रोटीज या मेप्रो के तौर पर जाना जाता है. यह प्रोटीज वायरस की प्रतिकृति तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही, उन्होंने बताया कि हजारों दवाओं को परखने के बाद ऐसी छह दवाओं की पहचान की गई है, जो इस एंजाइम को रोकने में प्रभावी दिखी हैं. ल्यूक ने कहा, 'हम हृदय रोग, गठिया, स्ट्रोक और कैंसर जैसे विकारों की रोकथाम और उपचार से जुड़े क्लीनिकल ट्रायल्स से मिली अहम जानकारियों पर भी गौर कर रहे हैं. हम इस बात को लेकर आशावान हैं कि आने वाले समय में कोविड-19 दवा की खोज हो सकती है.
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