नई दिल्ली: 2023 के आखिरी दिन देशभर में लोगों ने जश्न मनाया और नए साल 2024 का स्वागत किया। इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को बधाई संदेश भी दे रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी देशवासियों को बधाई संदेश दिया, लेकिन उनके संदेश में इजराइल-हमास युद्ध में गाजा के अंदर मारे गए लोगों का भी जिक्र था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक संदेश में कहा गया, "जैसा कि हम नए साल की शुरुआत का जश्न मनाते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं कि हमारे जीवन में प्यार, शांति, हंसी और अच्छाई भर जाए, आइए हम गाजा में अपने भाइयों और बहनों को याद करें जो अपने जीवन के अधिकार पर सबसे अन्यायपूर्ण और अमानवीय हमले का सामना कर रहे हैं। जबकि हमारे बच्चे जश्न मना रहे हैं, उनके बच्चों की बेरहमी से हत्या की जा रही है। दुनिया के तथाकथित नेता चुपचाप देखते रहते हैं और सत्ता और लालच की तलाश में बेफिक्र होकर आगे बढ़ते रहते हैं। फिर भी लाखों आम लोग हैं जो गाजा में हो रही भयानक हिंसा को समाप्त करने की मांग करते हुए अपनी आवाज उठा रहे हैं, और बहादुर दिल वाले वे लाखों लोग हमारे लिए एक नए कल की आशा लेकर आए हैं। उनमें से एक बनें।'' प्रियंका ने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें एक तरफ लोग नए साल का जश्न मना रहे हैं और आतिशबाजी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ गाजा में खंडहर और विस्फोट दिखाए जा रहे हैं।
As we celebrate the beginning of a new year and wish each other that love, peace, laughter and goodness should fill our lives, let us remember our brothers and sisters in Gaza who are facing the most unjust and inhuman assault on their right to life, dignity and freedom.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 31, 2023
While… pic.twitter.com/Hs7dwu1uIP
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी शुरू से ही इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर मुखर रही हैं और गाजा पर हमलों को लेकर लगातार सीजफायर की मांग करती रही हैं। हालाँकि, कांग्रेस हमास को आतंकी संगठन कहने से परहेज करती है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं इससे उसे मुस्लिम वोटर्स नाराज़ न हो जाएं, वो भी ऐसे समय में जब कुछ ही समय में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी कार्यसमिति (CWC) की बैठक में फिलिस्तीन के समर्थन में बाकायदा प्रस्ताव भी पारित किया था। हालाँकि, कांग्रेस शायद यह भूल रही है कि, 7 अक्टूबर को हमास ने ही इजराइल पर हमले की शुरुआत की थी, इजराइल जो अब कर रहा है, वो पलटवार है। अब भी इजराइल के कई नागरिक हमास के पास बंधक हैं, उन्हें छुड़ाने के लिए क्या एक देश को नहीं लड़ना चाहिए ?
हमास और फिलिस्तीन के प्रति कांग्रेस का स्टैंड :-
बता दें कि, इजराइल पर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा किए गए वीभत्स हमले के दो दिन बाद यानी सोमवार (9 अक्टूबर) को कांग्रेस ने सुबह एक बयान जारी करते हुए इजराइल पर हुए हमले की निंदा की थी, हालाँकि, कांग्रेस ने हमले को 'आतंकी हमला' कहने से परहेज किया था। लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस के मुस्लिम समर्थक नाराज़ हो गए थे और सोशल मीडिया पर कांग्रेस को वोट न देने की धमकी देने लगे थे। इसके बाद कांग्रेस ने उसी दिन शाम को बड़ा यू-टर्न लेते हुए अपनी वर्किंग कमिटी (CWC) की मीटिंग में बाकायदा फिलिस्तीन (हमास का समर्थक) के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया, यहाँ कांग्रेस ने इजराइल पर हुए हमले का कोई जिक्र ही नहीं किया। ये कदम कांग्रेस ने इसलिए उठाया है कि, उसका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ न हो, क्योंकि चुनाव भी हैं। लेकिन, ये भी एक बड़ा सवाल है कि, जिस हमास ने 40 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी, महिलाओं के रेप किए, उन्हें नग्न कर घुमाया, बिना उकसावे के इजराइल के लगभग 1400 लोगों का नरसंहार कर दिया, उसे आतंकी संगठन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ? कांग्रेस के एक सांसद राजमोहन उन्नीथन ने हमास का समर्थन करते हुए तो यहाँ तक कह दिया था कि इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याही को बिना किसी मुकदमे के गोली मार देनी चाहिए और हमास को आतंकी संगठन कहने वालों को करारा जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस इजराइली बन्धको को छोड़ने के लिए आतंकवादी संगठन हमास से नहीं कह रही है
— Saurabh Srivastava (@Saurabh37244583) November 20, 2023
लेकिन हमास पर इजराइली हमले को रोकने के लिए दबाव बना रही है
इजराइल में बेरहमी से मारे गए सैकड़ों बेगुनाह नागरिकों के लिए दो शब्द नहीं निकले
लेकिन आतंकवादियों के लिए बेपनाह मुहब्बत है
यही है असलियत!! pic.twitter.com/tt9r5k11wb
गौर करने वाली बात ये भी है कि, सीमा विवाद तो भारत का भी पाकिस्तान के साथ है, लेकिन जब पाकिस्तानी आतंकी कश्मीर में हमला करते हैं, तो उसे हम 'आतंकी हमला' ही कहते हैं न, या फिर कुछ और ? यदि कल को पाकिस्तानी आतंकी, भारत पर इस तरह का हमला करते हैं, तो क्या कांग्रेस, भारत सरकार से पलटवार न करने और मार खाकर शांत रहने के लिए कहेगी ? और आतंकियों का साथ देगी ? आज भी इजराइल के लगभग 200 लोग हमास के पास बंधक हैं, तो क्या एक देश अपने नागरिकों को आतंकियों के चंगुल में छोड़ सकता है ? उन्हें बचाने के लिए इजराइल को लड़ना नहीं चाहिए, या अपने 1400 लोगों की मौत पर मौन धारण कर लेना चाहिए ? जैसा भारत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान किया था, जब पाकिस्तानी आतंकियों ने लगभग 200 लोगों की जान ली थी। उस समय भारतीय वायुसेना ने सरकार से पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने की अनुमति मांगी भी थी, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी। उल्टा कांग्रेस नेताओं ने पाकिस्तानी आतंकियों को क्लीन चिट देते हुए '26/11 हमला-RSS की साजिश' नाम से किताब लॉन्च कर दी थी।
हमास ने फिर किया इजराइल पर हमला:-
यह भी गौर करने वाली बात है कि, एक तरफ जहाँ प्रियंका गांधी, भारत के लोगों से गाज़ा के लिए खड़े होने की अपील कर रही है, वहीं बीती रात यानी 31 दिसंबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने एक बार फिर यहूदी देश इजराइल पर 20 रॉकेट दागे हैं। जिसके जवाब में इजराइल ने फिर गाज़ा में एयर स्ट्राइक की है, जिसमे 35 लोग मारे गए हैं। इजराइल कई बार आम फिलिस्तीनियों से कुछ समय के लिए गाज़ा खाली करने का आग्रह कर चुका है, क्योंकि वो हमास को पूरी तरह ख़त्म करना चाहता है, ताकि आगे से उसपर कोई हमला न हो। लेकिन, वे आम फिलिस्तीनी भी गाज़ा में हमास के आतंकियों की मानव ढाल बने हुए हैं और इजराइली हमलों में मारे जा रहे हैं।
वहीं, हमास के नेता कई बार कह भी चुके हैं कि, वो यहूदी देश को पूरी तरह ख़त्म करना चाहते हैं। गौर करें कि, पूरी दुनिया में यहूदियों की संख्या लगभग 1 करोड़ के आसपास है, जो वैश्विक अल्पसंख्यकों की श्रेणी में आता है। उनसे अधिक आबादी तो हमारी सिख और जैन बंधुओं की है। लेकिन, भारत में रहने वाले 30 करोड़ मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बताकर उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी को क्या 1 करोड़ यहूदी अल्पसंख्यक नहीं नज़र आते और उनकी सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए पार्टी के दिल में थोड़ी भी जगह नहीं है ?
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