डगमगा रही है हमारी धरती,क्या खत्म हो जाएगी रात?

डगमगा रही है हमारी धरती,क्या खत्म हो जाएगी रात?
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सड़क पर चलते वक़्त यदि कार के पहिए का अलाइनमेंट बिगड़ता है, तो वह डगमगाने लगती है। ठीक उसी प्रकार, पृथ्वी भी लड़खड़ा कर घूम रही है। पृथ्वी का नियंत्रण बिगड़ चुका है तथा इसके अपनी धुरी पर घूमने की गति में परिवर्तन आ गया है। एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है, तथा इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पहले, इन बदलावों को सुधारने का अवसर था, किन्तु अब स्थिति गंभीर हो गई है। जलवायु परिवर्तन की वजह से पृथ्वी के बुरे दिन आने वाले हैं। पृथ्वी की घूमने की गति में परिवर्तन की वजह से, एक निगेटिव लीप सेकेंड जोड़ा गया है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पृथ्वी के केंद्र तक पहुंच चुका है।

धरती पर एक दिन में तकरीबन 86,400 सेकेंड होते हैं, मगर सटीक गणना मुश्किल है क्योंकि हर रोटेशन कुछ मिलिसेकेंड्स की वजह से बदलता है। इसकी वजह है टेक्टोनिक प्लेट्स का मूवमेंट, पृथ्वी के कोर में बदलाव और चंद्रमा के साथ गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव, साथ ही जलवायु परिवर्तन। मनुष्यों द्वारा किए जा रहे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिन के समय पर पड़ रहा है, जिससे दिन लंबा हो रहा है। अगले कुछ सालों में इसका प्रभाव और स्पष्ट नजर आएगा। बीते कुछ दशकों में ध्रुवीय इलाकों में बर्फ के पिघलने की दर बढ़ गई है, विशेष रूप से ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। अधिक पानी भूमध्यरेखा के आसपास जमा हो रहा है, जिससे पृथ्वी का संतुलन बिगड़ रहा है। यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी मनुष्य की तोंद निकल आए। पृथ्वी के समुद्र बल्की हो रहे हैं, जिससे घूमने में परेशानी हो रही है। संतुलन बिगड़ने की वजह से पृथ्वी की गति धीमी हो रही है तथा दिन का समय बढ़ रहा है।

हाल ही में PNAS जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी घूमना बंद कर देगी। घड़ियों का वक़्त बदलेगा तथा जानवरों के सोने-उठने का समय भी बदल जाएगा। नेचर जियोसाइंस में 12 जुलाई को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती गर्मी की वजह से पिघलते ग्लेशियरों से भूमध्यरेखा के पास ADHIKपानी जमा हो रहा है। इससे पृथ्वी की धुरी पर घूमने की गति धीमी हो रही है। पृथ्वी के दोनों मैग्नेटिक पोल भी डगमगा रहे हैं तथा पिछले तीन दशकों से पृथ्वी की घूमने की गति धीमी हो रही है। 100 करोड़ वर्ष पहले, पृथ्वी का एक दिन 19 घंटे का था। आहिस्ता-आहिस्ता पृथ्वी की गति धीमी हो गई तथा दिन का समय बढ़कर 24 घंटे हो गया। यह समय भी सूक्ष्म स्तर पर बदलता है। 1960 की तुलना में 2020 में पृथ्वी अधिक तेज घूम रही थी, किन्तु 2021 में यह गति धीमी होने लगी। जून 2022 में सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड किया गया। हर सदी में हमारे दिन का समय 2.3 मिलिसेकेंड बढ़ रहा है।

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