भारतीय महिलाओं में सभी प्रकार के कैंसर होने से ओवेरियन कैंसर का हिस्सा 14 परसेंट है। जी हाँ और यह इसे भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण बनाता है। आप सभी को बता दें कि बढ़ती उम्र, कैंसर का पारिवारिक इतिहास, विरासत से मिले जाने से जुड़ा अन्य जीन परिवर्तन और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। जी हाँ और इन सभी के अलावा मोटापा ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। जी हाँ और इसी के साथ हाई बीएमआई लेवल ब्रेस्ट और यूट्रस की विकृतियों से प्रभावित महिलाओं की संख्या में काफी वृद्धि से कैंसर पाया जाता है।
आप सभी को बता दें कि ओवेरियन कैंसर के लक्षण पेट की सूजन और कहानी की कठिनाई जैसी दिखाई देते हैं। अगर आपके पास ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का पारिवारिक इतिहास है तो आपको चिकित्सक से चर्चा करनी चाहिए। इसके अलावा कभी-कभी जब एडवांस अवस्था में होते हैं तब वजन का बहुत ज्यादा कम, पेल्विक असुविधा, पीठ दर्द, बाउल की आदतों में परिवर्तन और बार-बार यूरिन जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।
अगर यह लक्षण 2 हफ्ते से अधिक समय तक बने रहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जी हाँ और अगर आपमें जीन परिवर्तन पाया जाता है तो यह ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। आप सभी को बता दें कि इसके जोखिम को कम करने के तरीके हैं जैसे गर्भनिरोध गोलियां लेने पर विचार करें। जी दरअसल कई शोधों में यह दिखाया जाता है कि डॉक्टर की देखरेख में ओसीपी लेने से ओवेरियन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
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