हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध के संभावित अंत को लेकर सीएम सिद्धारमैया के बयान की आलोचना की है। सिद्धारमैया ने कहा था कि, "हिजाब पर प्रतिबंध अभी तक नहीं हटाया गया है। कल जब किसी ने मुझसे प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है।"
इसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की, "आपको सत्ता में आए 6 महीने हो गए हैं। इस बात पर विचार करने की क्या बात है कि मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा का अधिकार है या नहीं? 'सेकुलर' में हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार रखने के लिए सीएम सिद्धारमैया को धन्यवाद कांग्रेस सरकार। जिन मुसलमानों ने आपको वोट दिया, वे निश्चित रूप से खुश होंगे।" औवेसी ने आगे कहा, ''छह महीने हो गए, लेकिन ये सरकार आदेश नहीं जारी कर पा रही है, कोई ड्रेस कोड नहीं होगा, ये आदेश है, लेकिन इतना भी नहीं कर पा रहे हैं ये। मुख्यमंत्री सार्वजनिक बैठक में कहते हैं कि जिसे जो पहनना है, वो पहने और मीडिया के सामने आकर वो कहते हैं कि अभी इस पर विचार चल रहा है। हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि आप तुरंत आदेश जारी करें और हिजाब पर लगे प्रतिबंध को खत्म करें।"
बता दें कि पिछली भाजपा सरकार ने कर्नाटक में स्कूल-कॉलेज की कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसपर काफी विवाद हुआ था। विपक्ष में रहते हुए प्रतिबंध की आलोचना करने वाली कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद से इसे नहीं हटाया है। हालिया चर्चाओं में कांग्रेस सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाने का संकेत दिया गया था, लेकिन सीएम सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं किया गया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सरकार के रुख की कड़ी आलोचना की, एक सीधा आदेश जारी करने में देरी पर सवाल उठाया और सरकार की विचार प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ एक आदेश जारी करने की जरूरत है, लेकिन सीएम सिद्धारमैया ऐसा करने से डर रहे हैं।
सऊदी अरब में लड़कियों के लिए बिना हिजाब के असहिष्णु स्कूल। @_sayema इस्लाम खतरे में है इस बारे में कुछ बोलो। pic.twitter.com/2J9fOJwyox
— Sadhvi Prachi (@Sadhvi_prachi) July 23, 2023
ये मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में भी गया था, जहाँ से अदालत ने कहा था कि, शिक्षण संस्थानों में यूनिफार्म ही होना चाहिए और उन्होंने हिजाब पर प्रतिबंध बरक़रार रखा था। फिर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया, जहाँ से हिजाब को लेकर खंडित फैसला आया और अब भी ये मामला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास लंबित है। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, जहाँ सऊदी अरब जैसे मुस्लिम मुल्क में, जहाँ से इस्लाम दुनिया में फैला, उस देश ने ही कक्षाओं में हिजाब-बुर्के पर बैन लगा रखा है, एक अन्य मुस्लिम देश ईरान में महिलाएं हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं हैं और हिजाब से आज़ादी चाहती हैं। किन्तु 'धर्मनिरपेक्ष' देश भारत में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच विचार कर रही है कि, कक्षाओं के अंदर मुस्लिम लड़कियों को हिजाब-बुर्का पहनने की अनुमति होनी चाहिए या नहीं?
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