लन्दन : काल और परिस्थिति के हिसाब से किसी व्यक्ति के प्रति विचार कैसे बदल जाते हैं, यह ऑक्सफोर्ड कॉलेज के मामले से समझा जा सकता है. म्यांमार की सत्ताधारी नेता 'आंग सान सू की' की पेंटिंग कॉलेज ने अपनी सार्वजनिक प्रदर्शन-पटल से इसलिए हटा दी क्योंकि म्यांमार के रखाइन राज्य में उपजे मानवतावादी संकट में उनकी भूमिका की वैश्विक आलोचना हुई थी.
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार शुक्रवार को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से सम्बद्ध, सेंट ह्यूग कॉलेज के प्रंबधन निकाय ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के आरम्भ होने और नए छात्रों के आने से पहले ही नोबेल पुरस्कार विजेता की पेंटिंग को हटाने का निर्णय ले लिया. कारण यह बताया गया कि एक नई पेंटिंग उपहार में मिली है, उसे इसकी जगह लगाया जाएगा. बता दें कि सू ने 2012 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि हासिल की थी.
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड काउंसिल अगले हफ्ते सू की को दी गई 'फ्रीडम ऑफ द सिटी' उपाधि को वापस लेने के लिए मतदान करेगा, जो 1997 में उन्हें म्यांमार सेना द्वारा राजनीतिक कैदी बनाए जाने के दौरान दी गई थी. हालाँकि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अभी सू की मानद उपाधि पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया है.
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