नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में कहा है कि, 'वह मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के.वी. सुब्रमण्यन द्वारा चालू खाता सरप्लस पर खुशी जताने को लेकर हैरान हैं।' जी दरअसल बीते दिनों ही सुब्रमण्यन ने अपने एक बयान में कहा था कि, 'भारत सरकार द्वारा हाल ही में घोषित आर्थिक सुधारों के कारण चालू खाता सरप्लस में जा सकता है।' अब उनके इसी बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने एक ट्वीट किया है।
CEA has confirmed my suspicion that India will end 2020-21 with a current account surplus
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 24, 2020
But I am puzzled by the tone of his remarks. Is the CEA celebrating a current account surplus?
इस ट्वीट में उन्होंने कहा है, "सीईए ने मेरे संदेह की पुष्टि की है कि भारत के लिए चालू खाते के अधिशेष के साथ वर्ष 2020-21 समाप्त हो जाएगा। लेकिन मैं उनकी टिप्पणी के लहजे से हैरान हूं। क्या सीईए एक चालू खाता अधिशेष का जश्न मना रहा है?" वहीँ एक अन्य ट्वीट में वह लिखते हैं, "यह देखते हुए कि हम पूंजी की जरूरत में एक विकासशील देश हैं, हम एक चालू खाता सरप्लस पर खुशी नहीं मना सकते।" चिदंबरम का कहना है, 'कई अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि चालू खाता सरप्लस का मतलब है कि भारत अपनी पूंजी विदेशों में निवेश कर रहा है! हमारी नीतियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्यात और आयात दोनों को मिलाकर चालू खाता घाटा मैनेजेबल हो।"
Given that we are a developing country in need of capital, we cannot celebrate a current account surplus
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 24, 2020
As many economists have pointed out, a current account surplus means that India, a country that needs more capital, is investing its capital abroad!
क्या कहा था सीईए ने- जी दरअसल बीते सोमवार को सीईआई के एमएनसीएस सम्मेलन 2020 में सीईए ने सम्बोधन दिया था। इस दौरान उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा था कि श्रम कानून सुधारों के कार्यान्वयन ने बढ़े हुए थ्रेसहोल्ड, एमएसएमई परिभाषा के परिवर्तन और आसान छंटनी मानदंडों के अनुपालन में ढील दी है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि, 'सरकार के द्वारा आर्थिक सुधार के उपायों के कारण, भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 संकट को खत्म करने के प्रयास के बाद भी चालू खाता सरप्लस देख सकती है। सरकार ने कई बाजार उदारीकरण के उपाय कर लिए हैं जिसमें महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की घोषणा हो चुकी है. इनमे आर्थिक पैकेजों के हिस्से के रूप में रक्षा में एफडीआई सीमा को बढ़ाना, कोयला खनन, श्रम कानून में सुधार करना शामिल है।'
Our policies should ensure that both exports and imports grow smartly leaving a manageable current account deficit
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 24, 2020
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