समुद्री किनारों पर मौजूद प्लास्टिक कचरा अब समुद्री सतह पर भी पहुंच चुका है. इससे पानी के जीव जंतुओं को नुकसान होता है लेकिन इसके बारे में कोई ध्यान नहीं देता. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रसिद्ध प्रशांत महासागर में किस गहराई तक ये कचरा पहुँच चुका है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दुनिया का सबसे गहरे महासागर के नाम से प्रसिद्ध प्रशांत महासागर की सबसे गहरी खाई मरिआना में ही ये कचरा मिला.
अमेरिका के गहरे समुद्र में खोजकर्ता विक्टर वेसकोवो (Victor Vescovo) ने हाल ही में प्रशांत महासागर की सबसे गहरी खाई या स्थान (जिसे मरिआना नाम दिया गया है) पर गए और वहां के वीडियो के जरिए सतह का हाल दिखाया है. 1 मई को विक्टर वेसकोवो प्रशांत महासागर के नीचे 11 किलोमीटर पर मौजूद सतह पर गए. इन्होंने इस महासागर की सतह पर कुल 4 घंटे बिताए. तभी जान पाए हैं कि पानी के अंदर कितना कचरा जा चुका है.
10.928 metros de profundidad es el nuevo límite que ha marcado el ser humano con la inmersión de Víctor Vescovo en la Fosa de las Marianas. Se descubrieron nuevas especies y...plásticos, a 11 km de profundidad. La irresponsabilidad no tiene límites. pic.twitter.com/ir0i8uAizZ
— Viajero Cronico (@CronicoViajero) May 14, 2019
बता दें, विक्टर और उनकी टीम का मानना है कि उन्होंने और उनकी टीम में इस सतह पर कचरे के साथ-साथ झींगे की एक नई प्रजाति और हल्के रंगों का एक चट्टान भी खोज निकाली. ये चट्टान सूक्ष्म जीवों से बनी हुई थी. इस सतह पर झींगे और चट्टान के अलावा टॉफी के पैकेट और प्लास्टिक बैग्स मिले. पृथ्वी की सतह का लगभग एक-तिहाई हिस्सा प्रशांत महासागर का है. प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 14,000 फुट है तथा अधिकतम गहराई लगभग 35,400 फुट है.
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