कोरोना काल में पीएसीएल निवेशकों (PACL Investors) के लिए रिफंड के काम को देख रही एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने निवेशकों को कंपनी की योजनाओं में अपने निवेश से संबंधित दस्तावेजों को साझा करने को लेकर आगाह किया है. समिति ने यह कदम यूट्यूब पर आए एक वीडियो के बाद उठाया है, जिसमें एक मोबाइल ऐप के बारे में बताया गया है, जो निवेशकों को उनके क्लेम आवेदन अपलोड करने के लिए आमंत्रित करता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीएसीएल ग्रुप ने जनता से कृषि और रियल एस्टेट कारोबारों क नाम पर पैसा जुटाया था. बाजार नियामक सेबी ने पाया कि 18 साल की अवधि में अवैध कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम (CIS) के माध्यम से इस कंपनी ने 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी. रिटायर जज जस्टिस आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो PACL के निवेशकों के रिफंड का प्रबंधन देखती है.
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इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में लोढ़ा समिति (Lodha committee) ने कहा कि उसे सूचना मिली है कि पांच जून को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड की गई, जिसमें बताया गया था कि एक मोबाइल ऐप या पोर्टल निवेशकों को ऐप के माध्यम से उनके क्लेम आवेदन अपलोड करने के लिए आमंत्रित कर रहा है. समिति ने कहा कि मोबाइल ऐप जनलोक पीएसीएल डेटा (Janlok PACL Data) गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और यह जनलोक प्रतिष्ठान संस्थान (Janlok Prathistan Sansthan) द्वारा विकसित होने का दावा कर रहा है.
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